झारखंड की राजधानी रांची के चटवल गांव में डेढ़ महीने पहले एक युवक नरेश लापता हो गया था. अब इसी गांव में एक गड्ढे से एक नर कंकाल मिला है. गांववाले आशंका जता रहे हैं कि कहीं ये कंकाल उस लापता युवक का तो नहीं है. हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने कंकाल को बरामद कर लिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट ही ये गुत्थी सुलझाएगी.
गांववालों ने बताया कि सरना स्थल के पास तेज दुर्गंध आ रही थी. इसके बाद तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने गड्ढे की पूरी खुदाई कराई और बोरे से सड़ा-गला नरकंकाल बरामद किया. इसके बाद फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया. बरामद कंकाल को पोस्टमार्टम और डीएनए जांच के लिए रिम्स अस्पताल भेजा गया है, जिससे मृतक की पहचान सुनिश्चित की जा सके.
गांववालों ने मर्डर की जताई आशंका
पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार, जिस तरह से शव बरामद हुआ है, उससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि अपराधियों ने हत्या के बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर बोरे में भर दिया था ताकि पहचान छिपाई जा सके. शव को सुनसान गड्ढे में फेंकने के बाद मिट्टी डालकर ढक दिया गया था. माना जा रहा है कि किसी जानवर के द्वारा मिट्टी हटाने पर बोरा ऊपर आ गया होगा, जिससे दुर्गंध फैलने लगी और ग्रामीणों को घटना का पता चला.
22 सितंबर से नरेश है लापता
घटना के बाद से ही ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि 22 सितंबर से चटवल गांव के नरेश उरांव उर्फ पलटा नामक युवक लापता था. लोगों को आशंका है कि बरामद हुआ यह नरकंकाल उसी का हो सकता है. हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पोस्टमार्टम और डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही मृतक की पहचान पक्की की जा सकेगी. साथ ही, इस नृशंस हत्याकांड में शामिल अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले रांची जिले के चान्हो थाना क्षेत्र में भी इसी तरह का मामला सामने आया था. वहां बढ़ईया गांव के एक कुएं से उत्तर प्रदेश के वाराणसी निवासी रामबली यादव की सड़ी-गली लाश लगभग सात महीने बाद बरामद की गई थी.









