बढ़ते जलस्तर ने बढ़ाई परेशानी, आरा-बलिया पुल पर संकट गहराया

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 उत्तर प्रदेश-बिहार के बीच बड़हरा प्रखंड के महुली गंगा घाट स्थित पीपा पुल को 25 जून तक खोला जाएगा। गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए पीपा पुल को खोला जा रहा है।

बताया जाता है कि 20 जून तक गंगा नदी के जलस्तर में एक फीट की वृद्धि हुई है। पीपा पुल को खोलने से दोनों राज्यों के कई जिलों का संपर्क भंग हो जाएगा। इससे अगले पांच से छह माह तक गंगा नदी के इस रास्ते से परिवहन सुविधा ठप हो जायेगी। इससे दोनों राज्यों के कई जिलों के लोगों को आवागमन में परेशानी बढ़ जाती हैं।

पीपा पुल के खुलने से भोजपुर जिला के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बलिया जिला और बिहार के छपरा जिला के सड़क मार्ग से संपर्क भंग हो जाता है।

पुल पर आवागमन बंद होने से बलिया ज़िला और खवासपुर पंचायत से आने-जाने वाली गाड़ियों को बक्सर और छापरा होकर भोजपुर जिला तक करीब 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।

यही हाल दोनों प्रदेश के जिलों में आने वाली गाड़ियों की होती है। आरा-छपरा पुल होकर उत्तर प्रदेश जाने में यह दूरी करीब 150 किलोमीटर हो जाती है।

इतना ही नहीं, बड़हरा प्रखंड अंतर्गत खवासपुर पंचायत के 18 गांवों के निवासियों को चार पहिया गाड़ी से अपने ही प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय पर आने के लिए 75 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इससे लोगों को समय के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

खवासपुर के 18 गांवों के लोगों के लिए नाव होगी सहारा

खवासपुर पंचायत में 18 गांवों के लोगों के लिए 25 जून से नवंबर माह तक परिवहन बंद रहेगा। ऐसे स्थिति में आवागमन के लिए मात्र नाव ही सहारा रहेगी। बाढ़ आने की स्थिति में लहरों के बीच नाव से आवागमन करना काफी खतरनाक होता है।

इसके बाद भी 75 से 100 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला और प्रखंड मुख्यालय आने -जाने में लोग काफी असमर्थ महसूस करते हैं। सबसे ज्यादा संकट की स्थिति स्वास्थ्य सेवा को लेकर हो जाती है।

गंगा के महुली घाट पीपा पुल पर आवागमन शुरू रहने से यहां अगल बगल के गांव में रहने वाले हजारों लोगों के लिए कई मायने में वरदान साबित होता है।

गंगा के उस पार खवासपुर समेत यूपी के बलिया, छपरा के कई गांवों के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ स्वास्थ्य सेवा और शादी विवाह के समय होता है।