RTO नोटिस ने खोल दी पोल: लखनऊ के परिवार को पता चला बेटा शराब पीकर गाड़ी चला रहा था, दिल्ली-NCR में पढ़ाई कर रहे युवाओं की सच्चाई सामने

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लखनऊ: 'साहब आपको गलतफहमी हुई होगी। मेरा बेटा शराब को हाथ तक नहीं लगाता। दिल्ली में रहता है। रोज बात भी होती है।' बीते एक महीने में ऐसे करीब 35 अभिभावक आरटीओ पहुंचकर यह दावा कर चुके हैं। इनके बच्चे दिल्ली और एनसीआर में नौकरी और पढ़ाई कर रहे है, जहां नशे में ड्राइविंग पर उनका चालान हुआ। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन में लखनऊ का पता दर्ज है तो डीएल सस्पेंशन का कारण बताओ नोटिस सीधे घर आया। आरटीओ दफ्तर पहुंचने के बाद अफसरों ने इनके अभिभावकों को ब्रेथ एनलाइजर की रिपोर्ट भी दिखाई। वहीं, करीब 25 युवकों ने जुर्माना भरने के बाद आरटीओं में माफी मांगते हुए गुहार लगई है कि नोटिस उनके घर न भेजा जाए। बीते कुछ महीनों में हरियाणा आरटीओ ने लखनऊ के रहने वाले करीब 65 युवकों का नशे में ड्राइविंग पर चालान किया है। ये सभी दिल्ली-एनसीआर में रहकर नौकरी और पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे गंभीर मामले में डीएल सस्पेंशन के लिए स्थानीय आरटीओ को सूचना दी जाती है। इस कारण हरियाणा आरटीओ ने लखनऊ आरटीओ को जानकारी भेजी। इसके बाद आरटीओ अफसरों ने चैटवॉट के जरिए रजिस्ट्रेशन में दर्ज मोबाइल नंबर पर डीएल सस्पेंशन का कारण बताओ नोटिस भेजा।

शराब पीकर गाड़ी न चलाने का शपथ पत्र
नोटिस के बाद आरटीओ पहुंचकर यह बताना होता है कि अपराध कैसे हुआ और अने इसे लिए कितना गंभीर रहेंगे। भविष्य में शराब पीकर गाड़ी न चलाने का शपथ पत्र भी देना होता है। मोबाइल नंबर पर नोटिस आने पर करीब 25 युवकों ने जुर्माना भरने के बाद ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ पहुंचकर माफी मांग ली। वहीं, करीब 35 मामलों में कोई जवाब न मिलने पर आरटीओ ने घर के पते पर नोटिस भेज दिया। इसके बाद अभिभावक आरटीओ पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि बेटा शराब पीकर गाड़ी चला रहा था। इसके अलावा पांच अन्य मामलों में घर पर नोटिस भेजने के बाद भी किसी ने संपर्क नहीं किया है।

अजब गजब दलीले, 231 डीएल सस्पेंड
लखनऊ में आरटीओ ने जुलाई में 211 डीएल सस्पेंड किए थे। इसी तरह अरस्त के बाद सितंबर में अब तक 231 डीएल सस्पेंड किए जा चुके है। परिवहन विभाग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का ब्योरा ऑनलाइन भी जारी कर रहा है। ऐसे में अगर किसी के खिलाफ यातायात नियम तोड़ने के मामले में कार्रवाई हुई है तो बाद में बीमा कंपनिया क्लेम तक रोक सकती है। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ पहुंचे एक युवक ने पहले वे दावा किया कि वह शराब के नशे में नहीं था। फिर ब्रेथ एनलाइजर की रिपोर्ट दिखाने पर गलती मानते हुए कहा कि पहली बार शराब पी थी। दूसरे युवक ने कहा कि शादी तय होने वाली है। घरवालों को उसके शराब पीने की जानकारी नहीं है। ऐसे में घर पर नोटिस भेजें, नहीं तो दिक्कत हो सकती है।

8 प्रतिशत मौतें ड्रंक ऐंड ड्राइव से
परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं में आठ फीसदी मौते नशे में गाड़ी चलाने पर होती हैं। इसी तरह 49 फीसदी मौतें ओवरस्पीडिंग से होती है। 12 फीसदी मौते रॉन्ग साइड ड्राइविंग, 7 फीसदी वाहन चलाते समय मोबाइल के प्रयोग, 23 फीसदी अन्य वजहों से होती है। इसमें 36 फीसदी मौते टू-वीलर व साइकिल से चलने वालों की होती है। लखनऊ एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि सड़क सदसे रोकने के लिए लगातार कडे निर्णय ले रहे है। इसमें डीएल सस्पेशन भी शामिल है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए डीएल और रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करने का निर्णय लिया जा रहा है।