शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार सम्पन्न, अंतिम जोहार कहने उमड़ा जनसैलाब

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रामगढ़ः ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन के निधन के बाद से उनके पैतृक नेमरा गांव में माहौल गमगीन है। दूर-दूर से लोग राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए गांव में उमड़ पड़े। शिबू सोरेन ने सोमवार को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। वो 81 वर्ष के थे। शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार नेमरा गांव बड़का नाला श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन को मुखाग्नि दी। आदिवासी परंपरा और रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी भी नेमरा पहुंचे थे। इसके अलावा विभिन्न दलों के नेता भी पहुंचे।

खरगे और राहुल सड़क मार्ग से नेमरा पहुंचे

मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे और शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने सड़क मार्ग से रामगढ़ जिले में नेमरा पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार दोनों कांग्रेस नेताओं को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव हेलीकॉप्टर से पहुंचना था। लेकिन भारी बारिश के कारण वे सड़क मार्ग से शिबू सोरेन के पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए।

रास्ते में सड़क की दोनों ओर कतार में खड़े लोगों दी विदाई

इस बीच, नेमरा में गमगीन माहौल है क्योंकि दूर-दूर से लोग पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े । इससे पहले रांची स्थित राज्य विधानसभा परिसर से उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव नेमरा ले जाए जाते समय लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सड़क के दोनों ओर कतार में खड़े रहे और उन्होंने ‘गुरुजी अमर रहें’ के नारे लगाए। शिबू सोरेन के बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सफेद कुर्ता-पायजामा पहने और कंधे पर पारंपरिक आदिवासी गमछा डाले हुए, हाथ जोड़े वाहन में बैठे दिखाई दिए। उनके काफिले के पीछे वाहनों की कतार लगी थी।

अधिकतर दुकानें और प्रतिष्ठान बंद

दिवंगत नेता के सम्मान में रांची में अधिकतर दुकानें और प्रतिष्ठान दिन के पहले पहर बंद रहे। अंतिम दर्शन के लिए आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव, आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव समेत कई अन्य नेता पहले ही पहुंचे। शिबू सोरेन के सम्मान में झारखंड सरकार ने छह अगस्त तक तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। जबकि 4 और 5 अगस्त को सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे। झारखंड के अधिकतर स्कूल मंगलवार को बंद हैं और कई विद्यालयों में दिवंगत नेता की शांति के लिए विशेष प्रार्थना की जा रही है।