जोधपुर । जोधपुर में तत्कालीन सुमेरपुर विधायक और उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने दिसंबर 2016 में विदेश यात्रा पर जाने से पहले बीएसएनएल से इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा वाली सिम खरीदी थी। निर्धारित शुल्क जमा करने के बावजूद यह सिम विदेश में एक्टिव नहीं हुई, जिसके कारण उन्हें गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ा। राठौड़ ने समस्या की लिखित शिकायत बीएसएनएल ऑफिस में दर्ज करवाई, लेकिन समाधान नहीं मिला।
सिम बंद रही, फिर भी आया एक लाख से अधिक का बिल
सिम सक्रिय न होने के बावजूद बीएसएनएल ने राठौड़ को 1,08,540 रुपये का बिल जारी कर दिया। इसके बाद उन्होंने वकील मनीष ओझा के माध्यम से 6 अप्रैल 2017 को उपभोक्ता मंच में परिवाद दायर किया। मामला पाली जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में विचाराधीन रहा।
आयोग ने माना- सेवा में गंभीर लापरवाही
13 नवंबर 2025 को आयोग के अध्यक्ष अजय कुमार बंसल और सदस्य शिवराम महिया ने अपना फैसला सुनाया। आयोग ने बीएसएनएल की सेवा को लापरवाहीपूर्ण बताया। आयोग ने सख्त टिप्पणी करते हुए कंपनी को राठौड़ का जारी किया गया पूरा बिल निरस्त करने, 1,08,540 रुपये उन्हें 9 जून 2018 से 6% ब्याज सहित लौटाने और इंटरनेशनल रोमिंग सुविधा के लिए लिए गए 10,000 रुपये साधारण ब्याज सहित दो माह में वापस करने के आदेश दिए।
मानसिक क्षति और लापरवाही पर अतिरिक्त राशि देने के निर्देश
फैसले में बीएसएनएल को मानसिक क्षति और परिवाद व्यय के रूप में 30,000 रुपये का भुगतान करने को कहा गया। इसके अतिरिक्त उपभोक्ता की अनदेखी और सेवा में लापरवाही पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। आयोग ने कहा कि उपभोक्ताओं को उचित और निर्बाध सेवा देना कंपनियों की जिम्मेदारी है।









