झारखंड के रामगढ़ से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक बेटा और बहु प्रयागराज के महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए गए. इस दौरान बेटा अपनी मां को घर में ही कैद कर गया था. बुजुर्ग मां घर में परेशान थी. वहीं बेटा आराम से महाकुंभ में घूम रहा था. बुजुर्ग महिला के घर में बंद होने की जानकारी होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. ऐसा कहा जा रहा है कि बेटा मां के लिए सीमित राशन की व्यवस्था करके गया था, जो उसके आने से पहले ही खत्म हो गया था.
झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर रामगढ़ जिला के अरगड़ा इलाके में एक बेटा अपनी मां को घर में बंद करके महाकुंभ चल गया. अरगड़ा सिरका ए टाइप क्वार्टर में रहने वाले अखिलेश कुमार CCL के कर्मचारी है. उन्होंने अपनी लगभग 65 वर्षिय बूढ़ी मां संजू देवी को घर में अकेला बंद कर दिया और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए 3 दिन पहले ही प्रयागराज के लिए रवाना हो गए.
पुलिस ने महिला को घर से बाहर निकाला
बेटा मां को खाने के लिए सुखा राशन रख गया था, जो उनके आने से पहले ही खत्म हो गया. भूख से परेशान मां खाना खिलाने और बाहर निकालने के लिए आवाज लगा रही थी. पड़ोसियों ने बुजुर्ग महिला की आज सुनते ही पुलिस को मामले की तत्काल सूचना दी. जानकारी होते ही पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंच गई और ताला तोड़कर महिला को घर से बाहर निकाला. मां के कमरे में बंद होने की बात का पता लगते ही वृद्ध महिला की शादीशुदा बेटी भी मौके पर पहुंच गई, जहां पहले तो उसने भुखी मां को खाना खिलाया और फिर उसे अपने साथ ले गई.
कमरे में बंद करके गया महाकुंभ
इस तरह की घटना ने समाज को सोचने समझने को मजबूर कर दिया है, जहां मां ने अपने बेटे को नौ महीने अपने गर्भ में रखा. उसके बाद बहुत ही मेहनत से उसका लालन पोषण किया. आज वहीं बेटे मां को बंद करके महाकुंभ चल गया.