सिरोही में आगामी मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान आमजन, राहगीरों और पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी द्वारा जारी आदेश 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेंगे। प्रशासन ने इन आदेशों की अवहेलना पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
धातु मिश्रित और चाइनीज मांझे से बढ़ा खतरा
आदेश में बताया गया है कि हाल के वर्षों में पतंगबाजी के लिए धातु मिश्रण से बने मांझे, सिंथेटिक, प्लास्टिक तथा चीन निर्मित मांझे का उपयोग बढ़ा है। ये मांझे बेहद धारदार होने के साथ-साथ विद्युत के सुचालक होते हैं, जिससे दुपहिया वाहन चालकों, आम नागरिकों और पक्षियों के लिए गंभीर जान-माल का खतरा बना रहता है।
बिजली आपूर्ति और जनसुरक्षा पर पड़ रहा असर
प्रशासन के अनुसार, ऐसे मांझे बिजली के तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह का कारण बनते हैं, जिससे पतंग उड़ाने वालों को चोट पहुंचने की आशंका रहती है और बिजली आपूर्ति भी बाधित हो सकती है। इन जोखिमों को देखते हुए इन मांझों के उपयोग, बिक्री और परिवहन पर प्रतिबंध आवश्यक माना गया है।
खरीद, बिक्री और स्टॉक पर पूर्ण रोक
जिला मजिस्ट्रेट अल्पा चौधरी ने स्पष्ट किया कि राजस्व जिला सिरोही की सीमा में धातु मिश्रित, सिंथेटिक, प्लास्टिक तथा चीन निर्मित मांझे की थोक और खुदरा बिक्री, उपयोग, भंडारण और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निर्धारित समय में ही उड़ाई जा सकेगी पतंग
पक्षियों और आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पतंग उड़ाने के लिए समय भी निर्धारित किया गया है। आदेश के अनुसार सुबह 6 से 8 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध रहेगा। इन समयों के बाहर ही पतंगबाजी की अनुमति होगी।
उल्लंघन पर होगी कानूनी कार्रवाई
प्रशासन ने साफ किया है कि आदेशों की अवहेलना भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगी। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ अभियोग चलाया जाएगा, ताकि जनसुरक्षा और शांति व्यवस्था बनी रहे।









