पटना : मतदाता सूची प्रारूप प्रकाशित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव फिर से चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। उन्होंने पहले तो मतदाता सूची में अपना नाम नहीं होने का आरोप लगाया। इसके बाद जब चुनाव आयोग ने उनके दावों को खारिज कर दिया तो तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से 10 सवाल पूछे और कुछ मांगें भी रखी। तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में हर मतदाता की उपस्थिति और अधिकार की गारंटी सर्वोपरि है। यदि मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और उसके पीछे का कारण छुपाया जा रहा है, तो यह गंभीर लोकतांत्रिक संकट है और जनता के मताधिकार पर सीधा हमला है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद इस षड्यंत्र का सक्रिय विरोध करेगा और हर मंच पर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि चुनाव आयोग ने जिन 65 लाख मतदाताओं के नाम विलोपित किए है उससे संबंधित हमारे कुछ वाजिब एवं तार्किक सवाल है। क्या चुनाव आयोग इसका बिंदुवार जवाब देगा?
- इन 65 लाख मतदाताओं को मृत, स्थानांतरित या अनुपस्थित घोषित करने का आधार क्या है? मृतक मतदाताओं के परिजनों से कौन सा दस्तावेज लिया जिसके आधार पर उनकी मौत की पुष्टि हुई?
- जिन 36 लाख मतदाताओं को चुनाव आयोग स्थानांतरित बता रहे है, अस्थायी रूप से पलायित बता रहे है उसका क्या आधार क्या है? चुनाव आयोग स्पष्ट करें। अगर अस्थायी पलायन से 36 लाख गरीब मतदाताओं का नाम कटेगा तो फिर यह आंकड़ा भारत सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार बिहार से प्रति वर्ष बाहर जाने वाले तीन करोड़ पंजीकृत श्रमिकों से भी अधिक होना चाहिए।
- क्या इनकी फिजिकल वेरिफिकेशन हुई थी?
- क्या नियम के तहत बीएलओ भौतिक सत्यापन के लिए तीन बार मतदाताओं के घर गए थे?
- क्या बीएलओ ने भौतिक सत्यापन के बाद मतदाताओं को एक्नॉलेजमेंट स्लिप या कोई रसीद प्राप्ति अथवा पावती दी थी?
- सम्पूर्ण बिहार में कितने प्रतिशत मतदाताओं को एक्नॉलेजमेंट स्लिप दी गई? क्या इसकी दर एक प्रतिशत से भी कम नहीं है?
- क्या मतदाताओं को उनका नाम काटने से पहले कोई नोटिस या सूचना दी गई थी?
- क्या सूची से हटाए गए इन 65 लाख मतदाताओं को अपील का मौका मिला?
- जब आप इतने लोगों के घर गए नहीं, पावती आपने दी नहीं, नाम काटने से पहले नोटिस आपने दिया नहीं तो इसका स्पष्ट मतलब है आप टारगेट काम कर रहे हैं और लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं?
- ऐसे गणना प्रपत्रों की संख्या कितनी है जिनके साथ कोई दस्तावेज संलग्न नहीं था एवं ऐसे कितने प्रपत्र है जिनके साथ फोटो संलग्न नहीं था? यह आंकड़ा भी चुनाव आयोग सार्वजनिक करें।
वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव को ढूंढ़कर ट्रोल कर रहे लोग, भाजपा ने किया शेयर; कहा था- मेरा नाम भी डिलीट
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यह मांगे रखी
- निर्वाचन आयोग तत्काल उन सभी मतदाताओं की सूची कारण सहित बूथवार उपलब्ध कराए जिनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है।
- मृतक, शिफ्टेड, रिपीटेड और अनट्रेसेबल मतदाताओं की विधानसभा वार, बूथ वार श्रेणीबद्ध सूची सार्वजनिक की जाए।
- जब तक यह पारदर्शिता बहाल नहीं होती, तब तक ड्राफ्ट मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए। चुनाव आयोग ने इसके लिए केवल 7 दिन का समय दिया है।
- हमारा विनम्र आग्रह है कि सर्वोच्च न्यायालय को इस विषय पर स्वतः संज्ञान लेकर निर्वाचन आयोग से विस्तृत स्पष्टीकरण लेना चाहिए।
शाहनवाज बोले- तेजस्वी यादव भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे
इधर, नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सैयद शहनवाज हुसैन ने कहा कि तेजस्वी यादव को यह समझ आ गया है कि वह इस चुनाव में जीतने वाले नहीं हैं, इसलिए वह चुनाव आयोग के बारे में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने पहले भी भ्रम फैलाने की कोशिश की और आज भी की। उन्होंने यह कहकर भ्रम पैदा करने की कोशिश की कि उनका नाम (मतदाता) सूची में नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी बात को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि उनका नाम वहां है। राहुल गांधी चुनाव आयोग के खिलाफ परमाणु बम की बात कर रहे थे, तो क्या यही उनका परमाणु बम था?