बहुचर्चित व्यापारी रमेश रूलानिया हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, लेकिन अब इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड जितेन्द्र उर्फ जीतू चारण नई चुनौती बन गया है। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
पुलिस ने मुख्य चार आरोपियों समेत कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गिरफ्तार मुख्य चारों आरोपी गणपत गुर्जर, धर्मेन्द्र गुर्जर, जुबेर अहमद व महेश गुर्जर को न्यायालय में पेश कर 29 अक्टूबर तक पीसी रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान आरोपियों से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। मामलें का खुलासा करने के दौरान एसपी ऋचा तोमर, एएसपी नेमीचंद खारिया, डीएसपी अरविंद बिश्रोई व सीआई सतपाल सिंह मौजूद रहे।
एसपी ने बताया कि पुलिस की इस कार्रवाई में डीडवाना-कुचामन जिले के साथ नागौर, अजमेर, टोंक के साथ एजीटीएफ जयपुर की टीम का योगदान रहा ह्रै। एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि हत्याकांड की साजिश डेढ़ महीने पहले से रची गई थी। इस षड्यंत्र के मास्टरमाइंड जीतू उर्फ जितेन्द्र चारण का नाम सामने आया है।
ये हो चुके गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस पहले ही हिस्ट्रीशीटर शफीक खान, रामकेश, खुशीराम, रामसिंह, दिनेश, पवन चारण और किशन लाल गुर्जर को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से पांच आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, जबकि एक नाबालिग आरोपी किशोर गृह भेजा गया है। पुलिस ने किशन गुर्जर और पवन चारण को पीसी रिमांड पर लिया है।
पुलिस की युवाओं से अपील
एसपी ऋचा तोमर ने युवाओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर सक्रिय गैंगस्टरों के बहकावे में न आएं। ऐसे गैंगस्टर युवाओं को अपराध के दलदल में फंसा कर उन्हें अपना लक्ष्य भटकाने के लिए लालच देते हैं। पुलिस ने युवाओं से यह अपील की है कि वे अच्छे कार्यों में भाग लें और समाज में सकारात्मक योगदान दें।
इनका कहना
मुख्य चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 29 अक्टूबर तक उन्हें रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान पुलिस ने जीतू चारण का नाम सामने लाया, जो मुख्य आरोपियों और गैंगस्टर रोहित गोदारा और वीरेन्द्र चारण के बीच कड़ी था। हम जल्द ही जीतू चारण को गिरफ्तार करेंगे।
ऋचा तोमर, एसपी, डीडवाना-कुचामन
गणपत ने चलाई थी गोली
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को कुचामन के स्टेशन रोड स्थित शिवाय जिम में व्यापारी रमेश रूलानिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 5 अक्टूबर को महेश, गणपत और जुबेर ने कुचामन में आकर रैकी की थी। 6 अक्टूबर को वे पुन: वारदात को अंजाम देने आए थे, लेकिन जिम बंद था। इसके बाद 7 अक्टूबर को धर्मेन्द्र, जुबेर, महेश और गणपत ने मिलकर व्यापारी की हत्या की।