उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया बृहस्पतिवार को बंद हो जाएगी। एक दिन शेष है। इधर, 9.24 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका 2003 की सूची से मिलान (मैपिंग) नहीं हो सका है। इसके अलावा 6.78 लाख मतदाता मृतक, स्थानांतरित, डुप्लीकेट और अनुपस्थित मिले हैं। इनके नाम मतदाता सूची से कटेंगे।
जिले में 9 विधानसभा क्षेत्र हैं। 3696 बूथों पर 36 लाख 71 मतदाता थे। 4 नवंबर से घर-घर जाकर बीएलओ ने एसआईआर शुरू किया था। 36 लाख 71 मतदाताओं में से 35,93,468 मतदाताओं को गणना फॉर्म बांटे गए। 6603 मतदाताओं को फॉर्म नहीं मिले। 35,93,468 मतदाताओं में से 27,14,885 मतदाताओं के गणना फॉर्म डिजिटाइज्ड हुए। जब मैपिंग की बारी आई तो आंकड़े बदल गए। बड़ी संख्या में फॉर्म भरकर जमा करने वाले मतदाताओं का रिकार्ड 2003 की सूची से मिलान नहीं खा रहा।
जिन 27,14,886 मतदाताओं के फॉर्म डिजिटाइज्ड हुए हैं। उनमें से सिर्फ 17,88,965 मतदाताओं की मैपिंग हो सकी है। यानी इनका रिकार्ड 2003 की सूची से मिलान खा रहा है। इनमें 9.24 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका नाम 2003 की सूची मे शामिल हैं। इन्होंने स्वयं अपनी मैपिंग की है। इनके अलावा 8.64 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनकी डेटाबेस 2003 की सूची में पूर्वजों से मेल खा रहा है। सवा नौ लाख मतदाता ऐसे हैं जिनकी 2003 की सूची से मैपिंग नहीं हो सकी। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम अरविंद बंगारी ने बताया कि मैपिंंग कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। 11 दिसंबर तक मैपिंग की प्रक्रिया पूर्ण की ली जाएगी। मैपिंग की नियमित समीक्षा की जा रही है।
जिनकी मैपिंग नहीं, उन्हें जारी होंगे नोटिस
एसआईआर प्रक्रिया खत्म होने के बाद जिन मतदाताओं की 2003 की सूची से मैपिंग नहीं होगी, उन्हें सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नोटिस जारी करेंगे। ऐसे करीब मतदाताओं की संख्या मंगलवार तक सवा नौ लाख थी। जिन मतदाताओं को नोटिस जारी होंगे। उन्हें अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।









