स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, हजारीबाग अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में हुआ ऑपरेशन, मरीजों की सुरक्षा पर सवाल

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हजारीबाग : हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली सामने आई है. जिस इलाके का कोयला देशभर को ऊर्जा देता है, वहीं उसी क्षेत्र का सरकारी अस्पताल बुनियादी सुविधाओं के अभाव में अंधेरे में इलाज करने को मजबूर है. बड़कागांव–केरेडारी क्षेत्र में नवरत्न कंपनियां कोयला खनन कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय लोगों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. अस्पतालों में बिजली जैसी मूल व्यवस्था का भी घोर अभाव है.

मामला तब उजागर हुआ जब प्रखंड क्षेत्र की एक महिला परिवार नियोजन ऑपरेशन के लिए केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. ऑपरेशन के दौरान अचानक बिजली चली गई. इसके बाद डॉक्टरों ने मोबाइल टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन पूरा किया. इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में ऑपरेशन थिएटर में अंधेरा और टॉर्च की रोशनी में इलाज की स्थिति साफ देखी जा सकती है.

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है. लोगों का कहना है कि अस्पताल में बिजली, जनरेटर और अन्य जरूरी संसाधनों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. चिकित्सा प्रबंधन की लापरवाही के कारण मरीजों की जान हमेशा खतरे में रहती है. आपात स्थिति से निपटने के लिए न तो वैकल्पिक व्यवस्था दुरुस्त है और न ही नियमित निगरानी की जाती है.

इस मामले ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने घटना पर सवाल उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को घेरा है. वहीं अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ नसीफ अंजुम ने वायरल वीडियो को पुराना बताया है और कहा है कि बिजली जाते ही जनरेटर चालू कर दिया गया था. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से इनकार किया है. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि वीडियो और जमीनी हकीकत इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.