उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अपने कड़े एक्शन और कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं | अब उन्होंने यूपी के अंदर घुसपैठ और फर्जी पहचान पत्रों पर रहने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान के तहत सीएम योगी का मकसद है प्रदेश में रहने वाले सभी रोहिंग्या और अवैध बंग्लादेशी नेटवर्क को उखाड़ फेंका जाए ताकि दोबारा इनकी एंट्री न हो सके. इसकी पहचान एसआईआर के जरिए की जाएगी |
योगी सरकार के रोडमैप के अनुसार, पहली बार घुसपैठियों का पूरा डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाएगा. इस दौरान सभी घुसपैठियों की बायोमेट्रिक प्रोफाइल, चेहरे की पहचान, आईरिस स्कैन, फिंगरप्रिंट और परिवार का पूरा रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा. जिसमें हर संदिग्ध का नाम निगेटिव लिस्ट में रखा जाएगा | इस लिस्ट में शामिल व्यक्तियों का रिकॉर्ड किसी भी पहचान के लिए अयोग्य माना जाएगा | इसके अलावा हाईटेक सिस्टम के माध्यम से पता लगाया जाएगा कि घुसपैठिया कब से, किस इलाके में और किसकी पहचान के साथ रहता था. इसमें सरकार जेल और गैंगस्टर तक की कार्रवाई करने की प्लानिंग कर रही है |
योगी सरकार ने बनाया अपना प्लान
जानकारी के अनुसार, पिछले कई सालों में फर्जी आईडी बनाकर अवैध तरीके से रहने वालों की संख्या बढ़ी है. कई ऐसे लोग हैं, जो अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं. बीच-बीच में पकड़े भी जाते हैं लेकिन दूसरी जगह पर जाकर नई पहचान के साथ फिर बस जाते हैं | इस पूरे खेल में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोहों की मदद से चलता है. जिसको तोड़ने के लिए योगी सरकार ने अपनी प्लानिंग कर ली है |
डिटेंशन की बनाई गई व्यवस्था
इस बार सरकार सिर्फ घुसपैठियों को पकड़ेगी नहीं, बल्कि उसके पीछे की कड़ी का भी पता लगाएगी. कैसे आए, रिकॉर्ड किसने तैयार किया और कब से रह रहे. इसमें कौन-कौन शामिल है | इसके लिए सभी 75 जिलों में सर्वे कराकर उसकी रिपोर्ट सीएम कार्यालय में जमा की जाएगी. सीएम योगी के गृह जिले में 50 बेड का डिटेंशन सेंटर बनाया गया है. ताकि पकड़े गए घुसपैठियों को आश्रय दिया जा सके. यहां पर सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल की भी व्यवस्था की गई है |









