उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां महिला थाना प्रभारी निरीक्षक को उसके ही थाने से गिरफ्तार कर लिया गया. महिला थाना प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पर दहेज उत्पीड़न के मामले में आरोपियों के नाम हटाने के मामले में रिश्वत मांगी थी. इस घटना के बाद से पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
वाराणसी में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एंटी करप्शन टीम ने महिला थाना प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस मामले के बाद पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
एंटी करप्शन टीम को एक दिन पहले शिकायत मिली थी कि सुमित्रा देवी दहेज उत्पीड़न के मामले में कुछ व्यक्तियों का नाम केस से हटाने के लिए 10 हजार प्रति व्यक्ति रिश्वत की मांग की थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि जिन लोगों का नाम इस केस में शामिल किया गया था, उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया. इस सूचना के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने त्वरित कार्रवाई की और प्लान बना कर महिला थाना प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए अरेस्ट कर लिया.
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना के बाद से पुलिस की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं. दहेज उत्पीड़न जैसे संवेदनशील मामलों में रिश्वतखोरी का यह मामला समाज में पुलिस के प्रति विश्वास को और कमजोर कर सकता है. एंटी करप्शन टीम ने इस कार्रवाई को गुप्त रखा था ताकि सबूतों के साथ आरोपी को पकड़ा जा सके. इस मामले में आगे की जांच जारी है, और यह देखना बाकी है कि क्या विभाग के अन्य लोग भी इस रिश्वतखोरी के खेल में शामिल हैं.
कड़ी कार्रवाई के निर्देश
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं पुलिस और जनता के बीच की दूरी को बढ़ाती हैं. वहीं पुलिस विभाग ने इस मामले में महिला थाना प्रभारी निरीक्षक समेत शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. सुमित्रा देवी के खिलाफ दर्ज मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.