Women Reservation को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एक अहम और ऐतिहासिक फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में अब देशभर की सभी स्टेट बार काउंसिल के चुनावों में 30 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व अनिवार्य कर दिया गया है। इस फैसले का सीधा असर झारखंड स्टेट बार काउंसिल पर भी पड़ेगा, जहां कुल 7 सीटें महिला अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
बीसीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, Women Reservation के तहत कुल आरक्षित सीटों में से 20 प्रतिशत सीटें चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से भरी जाएंगी। वहीं, शेष 10 प्रतिशत सीटें को-ऑप्शन यानी नामांकन के जरिए भरी जाएंगी। यदि चुनाव में पर्याप्त संख्या में महिला उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होती हैं, तो बची हुई सीटों को भी नामांकन के माध्यम से भरकर 30 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्टेट बार काउंसिल चुनाव की पूरी प्रक्रिया उच्च स्तरीय इलेक्शन कमेटी की प्रत्यक्ष निगरानी में संपन्न कराई जाएगी। चुनाव से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत, विवाद या आपत्ति की सुनवाई का अधिकार भी इसी कमेटी के पास होगा। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बताया कि राज्य में बार काउंसिल चुनाव की प्रक्रिया 15 मार्च तक पूरी की जानी है। उन्होंने कहा कि बीसीआई के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। Women Reservation का यह निर्णय न्यायिक व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ एक संतुलित और समावेशी प्रतिनिधित्व की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।









