जयपुर : मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, पुलिस मॉर्डनाइजेशन, कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और महिला किसान सशक्तिकरण योजना सहित एक दर्जन से अधिक ऐसी योजनाएं हैं जिनमें मौजूदा वित्त वर्ष में खर्च लगभग शून्य रहा है। जबकि केंद्र सरकार की तरफ से इन योजनाओं के लिए पैसा जारी भी किया जा चुका है। वित्त विभाग ने संबंधित विभागों को इस संबंध में आज के लिए मीटिंग का नोटिस जारी किया है। यह हाल तब हैं जब मुख्य सचिव से लेकर सीएम ऑफिस के स्तर पर लगभग सभी बड़ी योजनाओं की मॉनिटरिंग के अलग से सेल गठित हैं। समय-समय पर रिव्यू बैठकें भी होती हैं।
वित्त विभाग की ओर से केंद्र सरकार एसएनए स्पर्श पोर्टल पर जो जानकारी अपलोड की गई है उसमें बताया गया है कि 28 केंद्रीय प्रवर्तित योजनाओं(CSS) से संबद्ध 61 स्टेट लिंग स्कीम्स में 17 ऐसी हैं जिसमें अब तक एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है। वहीं बहुत सी स्कीम्स ऐसी हैं जिनमें 5 प्रतिशत से भी कम राशि खर्च की गई है। ऐसे में जब तक राज्य सरकार इस राशि को खर्च कर इसका यूटिलिटी सर्टिफिकेट जारी नहीं कर देती तब तक केंद्र सरकार की तरफ से इन योजनाओं की अगली किश्त जारी नहीं की जा सकती।
गौरतलब है, प्रदेश में 28 केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं से जुड़ी 61 स्टेट लिंक स्कीम्स एसएनए-स्पर्ष के माध्यम से चलाई जा रही हैं। ये योजनाएं शेयरिंग पेटर्न पर चलाई जाती हैं। यानी केंद्र सरकार अपना अंशदान देती है और राज्य सरकार को मैचिंग शेयर मिलाना होता है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में अधिकांश स्टेट लिंक स्कीम्स में खर्च की गति बहुत धीमी है। इनमें 17 योजनाएं तो ऐसी हैं, जिनमें एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ है।
इन योजनाओं में नहीं हुआ पैसा खर्च
कंट्रोल ऑफ डिजीज डिजिटली से जुड़ी दो योजनाएं, नेशनल ई-जेल प्रोजेक्ट, पोषणक्षेत्र, नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोजेक्ट फेज फाइव, नेशनल हेल्थ मिशन, नेशनल ऑर्थोपेडिक इंप्लांट्स, टाइगर प्रोजेक्ट राजस्थान, घटाला शाखा परियोजना, पिपलाज जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना, महात्मा गांधी नरेगा योजना, राजस्थान स्टेट हाइवे प्रोजेक्ट, पोकरण-फलसूंड-मोहंगढ़ मेगा स्ट्रक्चर प्रोजेक्ट।









