Drowsiness Alert Alarm : सड़क हादसों का आंकड़ा साल दर साल लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है। सुरक्षित सफर के लिए एंटी स्लीप डिवाइस लगाने की योजना पर काम चल रहा है। हालांकि, इससे कार कंपनियों के लिए निर्माण की लागत थोड़ी बढ़ जाएगी। सड़क हादसों की मुख्य वजहों में एक प्रमुख कारण है चलती गाड़ी में ड्राइवर की झपकी लगने या ध्यान भटकना और इसके कारण दुर्घटना होने के मामलों की संख्या भी काफी ज्यादा है। देखा जाए तो कई कारणों से एक्सीडेंट के मामले सामने आते हैं, जिनमें से एक कारण कार चलाते समय नींद का आना भी है। लंबे सफर के दौरान थकान की वजह से कई बार लोगों की आंखें भारी होने लगती हैं और हादसे हो जाते हैं। लेकिन, एक तकनीक है Drowsiness Alert Alarm. इस तकनीक की मदद से ऐसे हादसों को रोका जा सकता है, क्यों कि यह ड्राइवर को नींद आने पर अलार्म बजा (Drowsiness Alert Alarm) देता है जिससे ड्राइवर स्टीयरिंग पर वापस ध्यान दे पाए। भारत सरकार इसी तरह की तकनीक को सभी कारों के लिए जल्द से जल्द अनिवार्य करने का मन बना रही है। इसे लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द ड्राफ्ट जारी कर सकता है।
कैसे काम करेगा Drowsiness Alert Alarm ?
ये तकनीक एक सेंसर-बेस्ड डिवाइस के जरिए काम करेगी, जिसे ड्राइवर के ठीक सामने इस तरह रखा जाएगा, जिससे उसका कैमरा ड्राइविंग के समय ड्राइवर के चेहरे के भावों को कैप्चर कर सकेगा। डिवाइस को ड्राइवर की सीट से भी जोड़ा जाएगा। जैसे ही ड्राइवर पलक झपकना बंद करेगा या डिवाइस को आंख की कोई हलचल नहीं दिखाई देगी तो यह तेज बीप बजाएगा और साथ ही ड्राइवर को जगाने के लिए ड्राइवर सीट को वाइब्रेट करना शुरू कर देगा। यह सब 3 से 4 सेकंड के अंदर ही हो जाएगा और ड्राइवर नींद से बाहर आ जाएगा। फिलहाल, यह तकनीक कुछ महंगी गाड़ियो में ही दी जाती है। सभी कारों में यह फीचर आने के बाद यातायात को ज्यादा सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है। सुरक्षित सफर के लिए एंटी स्लीप डिवाइस लगाने की योजना पर काम चल रहा है।हालांकि, इससे कार कंपनियों के लिए निर्माण की लागत थोड़ी बढ़ जाएगी।