Property Ownership Rules: कई बड़े शहरों में लोग अपने घरों या फ्लैट्स को किराये पर दे देते हैं. इसके लिए किरायेदार और मकान मालिक के बीच में एक एग्रीमेंट साइन होता है. जिसमे घर और उससे जुड़ी शर्तें और नियम शामिल होते हैं. लेकिन, फिर भी कई बार मकान मालिक को डर होता है कि कहीं किराएदार उसका मकान न कब्जा ले. ऐसा माना जाता है कि अगर कोई टेनेंट किसी घर में लंबे समय तक किराए पर रह जाता है तो वो उसपर अपना हक जता सकता है. आईये जानते हैं क्या है मकान मालिक और किरायेदार का एग्रीमेंट नियम…
आपको बता दें, अगर कोई किसी जगह पर लंबे समय तक किराए पर रह जाता है तो कुछ नियमों के तहत वो प्रॉपर्टी आपकी हो सकती है. इसे एडवर्स पोजेशन कहते हैं. फिर इस मामले में कोर्ट भी कुछ नहीं कर पाता है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि अगर कोई किराएदार 12 साल तक किसी जगह पर रह जाता है तो वो उसपर अपना मालिकाना हक जता सकते हैं.
सरकारी प्रॉपर्टी पर नहीं लागू होता है ये नियम
एडवर्स पोजेशन का नियम अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है. लेकिन, कुछ हालातों में ये नियम नहीं मान्य होता है. जैसे कि सरकारी जमीनों पर ये नियम मान्य नहीं है.
कैसे करें बचाव
अगर आप मकान मालिक हैं और अपनी प्रॉपटी से हाथ नहीं धोना चाहते हैं तो सबसे पहले तो आपको किसी को भी किराए पर देते समय उसका एग्रीमेंट जरूर बनवा लेना चाहिए. इसको आप 11 महीने के लिए ही बनवाएं अगर आगे बढ़ाना यही तो 11 महीने बाद उसे दोबारा बढ़ाया जा सकता है. इससे प्रॉपर्टी में ब्रेक आ जायेगा. आप चाहें तो एक साल बाद अपना किराएदार भी बदल सकते हैं. वहीं आपको अपनी प्रॉपर्टी पर समय-समय पर विजिट करते रहना चाहिए.