Electric Bus: 35 साल बाद दिल्ली की सड़कों पर वापसी कर रही हैं डबल-डेकर बसें, इस बार होंगी पूरी तरह इलेक्ट्रिक….

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Electric Bus: राजधानी दिल्ली की सड़कों पर जल्द ही एक नया नज़ारा देखने को मिलेगा। करीब 35 साल बाद डबल-डेकर बसें वापसी कर रही हैं, लेकिन इस बार ये होंगी पूरी तरह इलेक्ट्रिक और हाई-टेक्नोलॉजी से लैस। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है।

पहली झलक: इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बस

देश की अग्रणी ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड ने अपने CSR इनिशिएटिव के तहत एक फ्यूचरिस्टिक इलेक्ट्रिक डबल-डेकर तैयार की है। फिलहाल यह बस ओखला डिपो में खड़ी है और जल्द ही चुनिंदा रूट्स पर इसका ट्रायल रन शुरू होगा।

दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि यह बस राजधानी की सड़कों पर सुरक्षा, व्यावहारिकता और तकनीकी दक्षता के लिहाज़ से परखी जाएगी।
शुरुआत में एक बस ट्रायल पर उतरेगी, लेकिन जल्द ही दो और बसें बेड़े में शामिल हो सकती हैं।

सामने हैं कई चुनौतियां

इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के सामने कुछ तकनीकी बाधाएं भी हैं:

  • पेड़ों की ऊंचाई और उनका फैला नेटवर्क
  • ओवरहेड बिजली की तारें
  • फ्लाईओवर और ओवरब्रिज की क्लियरेंस
  • भारी बैटरी की वजह से वजन का दबाव

इसी कारण शुरुआत में ये बसें केवल सीमित और सुरक्षित रूट्स पर ही दौड़ेंगी।

बैठने की क्षमता और डिजाइन

  • लंबाई: 9.8 मीटर
  • ऊंचाई: 4.75 मीटर
  • सीटिंग कैपेसिटी: 63+ यात्री (ड्राइवर के अलावा)

यानी यह बस सामान्य DTC बस से लगभग तीन गुना ज्यादा यात्रियों को ले जा सकती है। यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए किसी गेम-चेंजर से कम नहीं होगी।

दिल्ली के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में क्रांति

ICCT इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भट्ट का मानना है कि दिल्ली जैसे मेगा-सिटी में इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें भीड़भाड़ कम करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अधिक प्रभावी बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।

  • छोटे रूट्स पर ऊपर चढ़ने में यात्री हिचक सकते हैं।
  • लेकिन लंबी दूरी और हाई-डिमांड कॉरिडोर पर ये बसें बेहद सफल होंगी।

इतिहास और नाकाम कोशिशें

  • दिल्ली में डबल-डेकर बसें कभी “सुविधा बस” के नाम से जानी जाती थीं।
  • 1989 में CNG फ्लीट आने के बाद इन्हें हटा दिया गया।
  • 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 G20 समिट से पहले वापसी की कोशिश हुई, लेकिन अधूरी रह गई।
  • 2011 में “हॉप ऑन-हॉप ऑफ (HoHo)” टूरिस्ट बसों के रूप में इन्हें दोबारा उतारा गया, मगर सफलता सीमित रही।

दिल्ली की ई-बस क्रांति

  • फिलहाल दिल्ली की सड़कों पर 3,500 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं।
  • साल के अंत तक यह संख्या 6,000 के पार पहुंच जाएगी।
  • साथ ही सरकार “दिल्ली दर्शन” नाम से दो नए टूरिस्ट सर्किट बस रूट्स भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।