Saturday, July 27, 2024
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Gate of Hell: ‘नर्क का दरवाजा’, जहां जाने वाले लौटकर नहीं आते, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

Gate of Hell: स्वर्ग की सीढ़ी और नर्क का दरवाजा, इन दोनों को लेकर आपने कई किस्से कहानियां सुनी होंगी।स्वर्ग और नर्क दो ऐसी मान्यताएं हैं जो हर धर्म में मिल जाती हैं, बस इनका नाम बदल जाता है। आज हम आपको नर्क के दरवाजे के बारे में बताएंगे। तुर्की में एक रहस्‍यमयी मंदिर है, जिसे नर्क का दरवाजा (Gate to hell turkey) कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जगह पर जाते ही सबकी रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है। जानवर हो या फिर कीड़ा मकोड़ा, अगर वह इस दरवाजे के भीतर घुसा तो उसकी मौत निश्चित है। इस इलाके में रहने वाले लोग पर्यटकों को पहले ही सावधान कर देते हैं कि कुछ भी हो जाए आप इसके करीब ना जाएं। यहां के लोग इसे ‘गेट ऑफ हेल’ कहते हैं। इस शहर में रहने वाले लोग कहते हैं कि इस नर्क के दरवाजे के भीतर से ग्रीक देवता की जहरीली सांस निकलती है, जिसकी वजह से इसके भीतर जाने वाले किसी भी जीवित जीव की मौत हो जाती है।

कहां है यह नर्क का दरवाजा

तुर्की में एक रहस्‍यमयी मंदिर है, जिसे नर्क का दरवाजा (Gate to hell turkey) कहा जाता है। कहते हैं क‍ि अगर कोई इंसान या जीव जंतु यहां गया तो लौटकर नहीं आता।उसकी वहीं मौत हो जाती है। कई लोगों ने इस मंदिर में जाने की कोश‍िश की, लेकिन जान गवां बैठे। यही वजह है क‍ि सरकार ने इस जगह पर लोगों के जाने पर पाबंदी लगा दी है। वर्षों से यह सवाल रहस्‍यमयी बना हुआ था। कुछ समय पहले वैज्ञानिकों ने इसका सच बताया। जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।

तुर्की में कुछ साल पहले मकबरे के पास से भी एक मंदिर मिला जिसे देखकर पुरातत्‍वविद भी हैरान रह गए। तब से इस पर छानबीन चल रही है। लेकिन आज हम आपको तुर्की के सबसे प्राचीर शहर हेरापॉलिस (Hierapolis temple) के एक रहस्‍यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। इसे नरक का द्वार (Gate to hell turkey) कहा जाता है। मंदिर के बाहर एक दरवाजा है। स्‍थानीय लोगों के मुताबिक, अगर कोई इंसान इसके पास भी पहुंचता है तो पलभर में उसकी मौत हो जाती। कई जानवरों की मौत भी यहां हो चुकी है। मान्यता है कि ग्रीको-रोमन काल के दौरान इस मंदिर में एक आदमी रहता था, बाद में जिसका कत्‍ल कर दिया गया था। दावा है क‍ि यही लोगों की जान ले लेता है। कुछ और कहान‍ियों के मुताबिक, इस मंदिर में ग्रीक देवता रहते हैं।जब भी यहां कोई इंसान या जीव-जंतु जाता है, तो वे सांस छोड़ते हैं, जिससे दरवाजे के पास मौजूद लोगों की मौत हो जाती है। कहा ये भी जाता है क‍ि यहां कई झरने हैं, जिनमें अगर कोई नहा ले तो कई तरह की बीमार‍ियों से मुक्‍त‍ि मिल जाती है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

मगर साइंटिस्‍ट इसके बारे में अलग ही कहानी बताते हैं। वैज्ञानिक लोगों के इस तर्क पर विश्वास नहीं करते कि यह सब कुछ ग्रीक देवता के सांस लेने की वजह से होता है. उनका मानना है कि इस मंदिर के नीचे से लगातार जहरीली गैस कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। यही वजह है कि जब भी कोई जीवित इंसान, पशु पक्षी या फिर कीड़ा मकोड़ा इसके नजदीक पहुंचता है तो उसकी मौत हो जाती है। दरअसल, किसी भी इंसान के लिए 10% कार्बन डाइऑक्साइड गैस ही मौत की वजह बन सकता है। जबकि, वैज्ञानिकों की मानें तो इस मंदिर के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 91 फ़ीसदी है। यही वजह है कि जैसे ही कोई जीवित चीज इसके नजदीक जाती है वह दम तोड़ देती है।

तकरीबन 2200 साल पहले यहां के गर्म झरनों में चमत्‍कार‍िक शक्‍त‍ियां थीं

माना जाता है क‍ि तकरीबन 2200 साल पहले यहां के गर्म झरनों में चमत्‍कार‍िक शक्‍त‍ियां थीं, जिनसे लोगों की बीमार‍ियों का इलाज हो जाया करता था। इसी वजह से भारी संख्‍या में लोग यहां आते थे, झरनों में नहाते थे। लेकिन 100 साल बाद दरवाजे के पास बने एक झरने में अप्रत्‍याश‍ित रूप से कुछ बदलाव हुआ। हेरापॉलिस मंदिर के नीचे एक गहरी दरार आ गई, जिससे ज्वालामुखीय कार्बन डाइऑक्साइड का उत्‍सर्जन होने लगा। गैस इतनी ज्‍यादा मात्रा में निकलने लगी की धुंध की तरह नजर भी आती थी। नर्क का दरवाजा कहा जाने वाला यह गेट इसी जगह के ठीक ऊपर बना हुआ है, जिसे ग्रीक देवता प्‍लूटो की जगह बताया जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, वर्षों बाद भी यह गैस इतनी घातक है क‍ि जो भी पक्षी इसके करीब से उड़ते हैं उनका दम घुट जाता है। वे तुरंत मर जाते हैं।यहां तक क‍ि कोई इंसान भी इस जगह जाए तो उसकी मौत हो सकती है।

मंदिर के पुजारी की मौत भी यहीं हो गई थी। जर्मनी में डुइसबर्ग-एसेन विश्वविद्यालय में ज्वालामुखी जीवविज्ञानी हार्डी पफैंज के नेतृत्व में एक टीम ने इस पर विस्‍तार से अध्‍ययन किया। पाया क‍ि दिन के दौरान सूर्य की गर्मी गैस को नष्ट कर देती है, लेकिन रात में गैस काफी जहरीली हो जाती है। फर्श से 40 सेंटीमीटर ऊपर तक इसका असर काफी घातक होता है। टीम ने माना क‍ि पुजारी की मौत इसी वजह से शायद शाम या सुबह हुई होगी।



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