World’s first armless female arche: एशियन पैरा गेम्स में 16 साल की शीतल देवी ने सरिता के साथ महिला टीम का रजत और राकेश कुमार के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम का स्वर्ण पदक जीता। दुनिया में तीरंदाजी की सर्वोच्च संस्था वर्ल्ड आर्चरी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के लोइधर गांव की 16 साल की शीतल देवी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज हैं। शीतल ने इस सप्ताह हांगझू में एशियन पैरा गेम्स में देश के लिए 2 पदक जीते।
वह कैसे तीर छोड़ती हैं यह शीतल की जिजीविषा का प्रमाण है। वह अपने दाहिने पैर से 27.5 किलोग्राम के धनुष को पकड़ती हैं और संतुलित करती है। अपने दाहिने कंधे से जुड़े एक मैनुअल रिलीजर का इस्तेमाल करके स्ट्रिंग को पीछे खींचती हैं और 50 मीटर दूर लक्ष्य पर तीर से निशाना साधने के लिए मुंह में रखे ट्रिगर का इस्तेमाल करती हैं। इस दौरान वह पूरे समय अपने बाएं पैर के बल सीट पर खुद को सीधा रखती हैं।
शीतल देवी दुनिया की पहली बिना हाथ वाली महिला तीरंदाज हैं। वह अभी 16 साल की हैं। उन्होंने हाल ही में चीन के हांगझू (Hangzhou) में हुए एशियाई पैरा गेम्स 2023 में शानदार प्रदर्शन किया और देश के लिए गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते। उनका निशाना गजब का है। यही वजह है कि दिग्गज भारतीय उद्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) भी उनके टैलेंट के कायल हो गए हैं।
बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया एक्स (पहले ट्विटर) पर शीतल देवी का एक वीडियो शेयर किया है। वह शीतल की तीरंदाजी से काफी प्रभावित हुए हैं, जिनसे सभी बाधाओं को पार करते हुए देश को गौरवान्वित किया है।उन्होंने एथलीट को अपना समर्थन देने के लिए एक अनुकूलित कार (customised car) गिफ्ट में देने का वादा किया है।
क्या बोले आनंद महिंद्रा
वीडियो शेयर करते हुए आनंद मंहिद्रा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मैं अपने जीवन में कभी भी छोटी-मोटी समस्याओं के बारे में शिकायत नहीं करूंगा। शीतल आप हम सभी के लिए टीचर हैं। प्लीज हमारी रेंज से कोई भी कार चुनें और हम इसे आपको पुरस्कृत करेंगे और इसे आपके उपयोग के लिए बनाएंगे।
इस पोस्ट पर मेघना गिरिश (@megirish) नाम की एक एक्स यूजर ने लिखा, ‘इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद @आनंदमहिंद्रा जी। जब हम पहली बार उसे बेंगलुरु ले गए, तो शीतल ने मेरी खड़ी कार के स्टीयरिंग व्हील पर अपना पैर रखा और कहा, ‘एक दिन मैं गाड़ी भी चलाऊंगी’। सपने सच होते हैं। हमें पता था कि वह ऐसा करेगी।’
I will never,EVER again complain about petty problems in my life. #SheetalDevi you are a teacher to us all. Please pick any car from our range & we will award it to you & customise it for your use. pic.twitter.com/JU6DOR5iqs
— anand mahindra (@anandmahindra) October 28, 2023
लोगों के कमेंट्स
एक एक्स यूजर ने लिखा, ‘मैं उसकी पावरफुल और इंस्पायरिंग स्टोरी देखकर सचमुच रो पड़ा।’ दूसरे शख्स ने कमेंट किया, ‘बहुत बढ़िया सर। यह एक मिलियन डॉलर का बयान है।’ एक तीसरे शख्स ने कमेंट पोस्ट किया, ‘हां सर, यह वास्तव में हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। शीतल का साहस और उपलब्धि अद्भुत है.’ चौथे शख्स ने कहा, ‘शीतल की वीडियो को देख कर बहुत अच्छा लगा।’ पांचवे शख्स बहुत अच्छा कमेंट लिखा, ‘आधुनिक एकलव्य, पुष्टि करता है कि लोग असीमित हो सकते हैं।’
शीतल का जन्म फोकोमेलिया के साथ हुआ था। यह एक दुर्लभ जन्मजात विकार है जिसके कारण अंग अविकसित होते हैं। शीतल ने बताया, “शुरुआत में तो मैं धनुष ठीक से उठा भी नहीं पाती थी, लेकिन कुछ महीनों के अभ्यास के बाद यह आसान हो गया। इस साल की शुरुआत में शीतल ने चेक गणराज्य के पिलसेन में विश्व पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता था। वह फाइनल में तुर्की की ओजनूर क्योर से हार गईं, लेकिन विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली बिना हाथों वाली पहली महिला तीरंदाज बन गईं।