Gold Price: सोना-चांदी की ऐतिहासिक उड़ान: 10 साल की ऊंचाई पर चमका बुलियन बाज़ार

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Gold Price: राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोना-चांदी की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया। लगातार छठे कारोबारी सत्र में जबरदस्त तेजी देखने को मिली।

  • सोना ₹1,000 की छलांग लगाकर ₹1,05,670 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
  • 99.5% शुद्धता वाला सोना ₹800 बढ़कर ₹1,04,800 प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
  • चांदी भी पीछे नहीं रही और ₹1,000 की तेजी के साथ ₹1,26,000 प्रति किलो (सभी करों सहित) के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ (AIBJA) ने इसकी पुष्टि की है।

शनिवार को भी बना था ऑल-टाइम हाई

पिछले कारोबारी दिन शनिवार को भी सोना और चांदी ने नया रिकॉर्ड बनाया था।

  • 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,04,670 प्रति 10 ग्राम तक चढ़ गया था।
  • चांदी ₹6,000 की तेजी के साथ ₹1,25,000 प्रति किलो पर पहुंच गई थी।

चांदी क्यों हो रही है महंगी?

ट्रेडजिनी के COO त्रिवेश डी. के मुताबिक, चांदी की कीमतों में उछाल के पीछे तीन प्रमुख वजहें हैं—

  1. स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से बढ़ती औद्योगिक मांग
  2. सट्टा निवेशकों की सक्रियता
  3. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा चांदी को महत्वपूर्ण खनिज घोषित करना

सोना क्यों चमक रहा है?

त्रिवेश डी. के अनुसार, रुपये की कमजोरी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना दिया है। यही कारण है कि भारत में सोने की कीमतें पिछले 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।

  • MCX पर अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट: ₹1,05,937 प्रति 10 ग्राम
  • दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट: ₹1,06,539 प्रति 10 ग्राम
  • चांदी वायदा: ₹1,24,990 प्रति किलो

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रिकॉर्ड

वैश्विक स्तर पर भी सोना-चांदी नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।

  • COMEX पर दिसंबर सोना वायदा $3,556.87 प्रति औंस
  • न्यूयॉर्क स्पॉट गोल्ड $3,470.51 प्रति औंस
  • COMEX चांदी $41 प्रति औंस (14 साल का उच्च स्तर)
  • स्पॉट चांदी $40.47 प्रति औंस

Gold Price: तेजी के पीछे क्या कारण?

  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
  • राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार शुल्क अवैध करार देने से बनी राजनीतिक अनिश्चितता
  • निवेशकों की निगाहें इस हफ्ते आने वाले अमेरिकी रोजगार आंकड़ों पर

कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला का कहना है—
“वैश्विक अस्थिरता और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने-चांदी को सुरक्षित निवेश का ठिकाना बना दिया है।”