Trump Tariffs: अमेरिका में सस्ते गैजेट्स का दौर अब शायद खत्म होने वाला है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नई चाल ने टेक वर्ल्ड में भूचाल मचा दिया है। प्लान ये है कि अब विदेशी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर उनमें मौजूद चिप्स की गिनती के हिसाब से टैरिफ लगेगा।
यानी छोटा-सा इलेक्ट्रॉनिक टूथब्रश हो या आपका हाई-एंड लैपटॉप – सबकी कीमतें आसमान छुएंगी!
ट्रंप का मास्टरस्ट्रोक
- वाणिज्य विभाग चाहता है कि हर चिप की वैल्यू पर टैरिफ वसूला जाए।
- मकसद: कंपनियों को मजबूर करना कि वे अपनी मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में वापस लाएँ।
- ट्रंप प्रशासन पहले ही साफ कर चुका है – “विदेशी चिप्स पर डिपेंडेंसी खत्म करनी ही होगी।”
जेब पर महंगाई का वार
- टूथब्रश, स्मार्टफोन, लैपटॉप… सब महंगे होंगे।
- अमेरिका में महंगाई वैसे ही 2% के टारगेट से ऊपर है, अब और झटका तय।
- एक्सपर्ट्स का कहना है – “घरेलू सामान भी सस्ते नहीं होंगे, क्योंकि उनके इनपुट्स पर भी टैरिफ लगेगा।”
Trump Tariffs: छूट या चाल?
- हाल ही में दवाओं पर 100% और हैवी-ड्यूटी ट्रकों पर 25% टैरिफ लगाया जा चुका है।
- अब सवाल – किन प्रोडक्ट्स को टैरिफ के दायरे में लाया जाएगा?
- ट्रंप की पेशकश: अगर कोई कंपनी अपना आधा प्रोडक्शन अमेरिका में शिफ्ट करती है, तो छूट संभव।
कितना भारी होगा टैरिफ?
- इलेक्ट्रॉनिक सामान पर 25% टैरिफ पर विचार।
- जापान और EU से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 15% टैरिफ का सुझाव।
- कंपनियों को लुभाने के लिए “अमेरिका में निवेश = छूट” का फार्मूला।
नतीजा: टेक वर्ल्ड में भूचाल
- अमेरिकी मार्केट में महंगे गैजेट्स की बाढ़।
- विदेशी कंपनियों पर प्रेशर और घरेलू कंपनियों पर डबल कॉस्ट का असर।
- आम लोगों की जेब पर बड़ा वार – स्मार्टफोन, लैपटॉप और छोटे गैजेट्स खरीदना होगा मुश्किल।