Trending news: चैथी या पंचवी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल में पेन से लिखना शुरू कर देते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हरे रंग की स्याही वाले पेन का उपयोग अफसर क्यों करते हैं। सामान्य व्यक्ति, स्कूली बच्चे नीली स्याही के पेन से ही क्यों लिखते हैं। काली स्याही और से कब और किन कारणों से लिखा जाता है। नीली स्याही ही स्कूली छात्रों से लेकर जन सामान्य उपयोग क्यों करते हैं। आइए आपको हम बताते हैं कि लिखते समय काली स्याही के पेन का इस्तेमाल भी छात्रों या कार्यालयों में कब करते हैं। आप सबको यह बात याद होगी कि षिक्षक हमेषा लाल रंग की स्याही से ही लिखा करती थीं। किस समय किस रंग की स्याही से लिखा जाए इसके भी अलग मायने होते हैं। आइए आपको हम बताते हैं कि कब और कहां किस रंग की स्याही से लिखा जाता है।
अधिकारी करते हैं हरे रंग की स्याही के पेन का उपयोग
सरकारी कार्यालयों की नोटशीट में हरे रंग के हस्ताक्षर तो आप कई बाद देखे होंगे, लेकिन आज मैं आपको बताता हूं कि हरे रंग की स्याही वाले पेन का उपयोग राजपत्रित अधिकारी हस्ताक्षर करने के लिए करते हैं। कई बार लाल रंग के पेन से किए गए हस्ताक्षर भी आपने देखा होगा, यह लाल रंग का उपयोग बड़े अधिकारी हस्ताक्षर या कोई नोट लगाने के लिए भी करते हैं। साथ ही बीच-बीच में नोटसीट में नोट डालने और हस्ताक्षर करने में बड़े अधिकारी लाल या हरे रंग की पेन का उपयोग किया करते थे। लेकिन कम्प्यूटर युग में अब यह प्रथा समाप्त होगी जा रही है।
पहले कार्बन का उपयोग कर बनाते थे दस्तावेज
सालों पहले जब कम्यूटर और फोटोकॉपी मशीन नहीं होती थीं, तब किसी भी दस्तावेज को एक प्रति से अधिक बनाने के लिए कार्बन लगाकर दो या इससे अधिक प्रतियों में बनाया जाता था, लेकिन आधुनिक युग में कम्प्यूटर में अब एक से अधिक प्रिंट निकालकर यह कार्य किया जाता है या एक दस्तावेज को फोटो काॅपी करके कई प्रतियों में वह दस्तावेज तैयार किया जाने लगा है।
ऐसा कोई सरकारी नियम भी नहीं
हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधिकारियों हरे रंग और लाल रंग की स्याही वाले पेन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का ऐसा कोई गजट नोटिफिकेशन नहीं मिला, जिसमें सरकारी अधिकारियों, राजपत्रित अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर करने या नोट लगाने के लिए लाल रंग या हरे रंग की स्याही का ही इस्तेमाल करने संबंधी आदेश हों।