डेस्क: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत (India) के स्थाई प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश (Parvataneni Harish) ने यूएनएससी से आग्रह किया है कि हथियारों (Weapons) की तस्करी में मदद करने वालों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनानी चाहिए. उनका यह बयान दिल्ली (Delhi) के लाल किले के बाहर हुए कार ब्लास्ट के बाद आया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि भारत सीमापार (Cross-border) से आतंकवाद से पीड़ित है, जिसके तहत सीमा की दूसरी तरफ से तस्करी किए गए अवैध हथियारों का इस्तेमाल करके भारत को निशाना बनाया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ऐसे हथियारों के उपयोग और उनकी आपूर्ति में मदद करने वाले लोगों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनानी चाहिए. हरीश ने सोमवार को ‘यूएन सिक्योरिटी काउंसिल स्मॉल आर्म्स ओपन डिबेट’ में कहा, ‘भारत कई दशक से आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहा है. इसकी वजह से यह छोटे हथियारों और गोलाबारूद की गैरकानूनी आपूर्ति और उनके आतंकवादी समूहों के हाथ लगने से जुड़े खतरों से पूरी तरह अवगत है.’
पर्वतनेनी हरीश ने नई दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में हुए विस्फोट के कुछ घंटे बाद संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में यह बात कही. इस ब्लास्ट में 12 लोगों की जान गई है और 25 लोग घायल हो गए. यह धमाका सोमवार शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुआ. ट्रैफिक सिग्नल पर पर धीमा गति से चल रही कार में अचानक से धमाका हुआ. पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘भारत को सीमा पार से आतंकवाद के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, जिसके तहत हमारी सीमाओं के पार से तस्करी किए गए ड्रोन समेत अवैध हथियारों का उपयोग किया जाता है.’








