वाशिंगटन।धरती से दिखने वाले सबसे चमकदार तारों में शामिल बीटलगीज को लेकर वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है। लंबे समय से खगोलविद यह मान रहे थे कि इस विशाल तारे के पास कोई व्हाइट ड्वार्फ या न्यूट्रॉन स्टार जैसा साथी होगा, लेकिन हालिया एक्स-रे ऑब्जर्वेशन ने यह धारणा गलत साबित कर दी। दरअसल, बीटलगीज का साथी तारा कोई मृत या घना ऑब्जेक्ट नहीं, बल्कि हमारे सूरज जैसा एक युवा तारा है।
ओरायन तारामंडल में स्थित बीटलगीज धरती से लगभग 548 प्रकाश वर्ष दूर है। यह एक रेड सुपरजायंट है, जिसका द्रव्यमान सूर्य से 16 से 19 गुना अधिक और आकार लगभग 764 गुना बड़ा है। अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका यह तारा कभी भी सुपरनोवा में बदल सकता है। इसकी चमक कई बार अचानक बढ़ती-घटती रही है, जिससे वैज्ञानिक लंबे समय से उलझन में थे। अब माना जा रहा है कि इस उतार-चढ़ाव के पीछे इसका यह नया खोजा गया साथी तारा जिम्मेदार हो सकता है।
वैज्ञानिकों ने दिसंबर 2024 में बीटलगीज के चमकदार पैटर्न्स का विश्लेषण कर यह अनुमान लगाया कि उस समय इसका साथी ऑब्जेक्ट सही स्थिति में होगा। शुरुआती मान्यताओं के अनुसार, यह व्हाइट ड्वार्फ या न्यूट्रॉन स्टार हो सकता था, क्योंकि ऐसे ऑब्जेक्ट्स पुराने, भारी तारों के पास आमतौर पर पाए जाते हैं। लेकिन जब नासा के चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी से इसे देखा गया, तो सच्चाई कुछ और ही निकली। खगोलविदों का कहना है कि बीटलगीज और सिवार्हा की यह जोड़ी तारों के विकास की पारंपरिक समझ को चुनौती देती है। अनुमान है कि दोनों करीब 10 मिलियन साल पहले साथ बने, लेकिन अब उनकी स्थिति बिल्कुल विपरीत है बीटलगीज मृत्यु के कगार पर है, जबकि उसका साथी तारा अपने जीवन की शुरुआत में है। इस तरह का एक्सट्रीम मास रेशियो बाइनरी सिस्टम बेहद दुर्लभ माना जाता है। कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी की खगोलभौतिकविद एना ओ’ग्रेडी के मुताबिक, यह खोज तारों के असामान्य जोड़ों की एक नई श्रेणी की शुरुआत करती है। उनके अनुसार, हमें अब उन सिस्टम्स का भी अध्ययन करना होगा जिन्हें अब तक नज़रअंदाज़ किया गया था। बीटलगीज और उसके साथी तारे की यह खोज न केवल खगोलशास्त्र की किताबों को नया अध्याय देगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि ब्रह्मांड अभी भी रहस्यों से भरा है और हर बार हमें चकित कर सकता है।