वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने 7 युद्ध रुकवाए हैं, उन्हें इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। ट्रंप के बयानों से साफ होता हैं कि वे नोबेल पुरस्कार के लिए आतुर दिख रहे हैं, लेकिन नोबेल कमेटी पर इसका कोई असर नहीं लगता। नॉर्वे की नोबेल कमेटी का कहना है कि हम पर किसी तरह का दबाव नहीं चलता है। हम पूरी स्वायत्तता और स्वतंत्रता के साथ फैसले लेते हैं। ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। वे बराक ओबामा का जिक्र कर चुके हैं कि उन्हें यह सम्मान बहुत जल्दी मिल गया था।
उनका कहना है कि वह 6 से 7 जंग रुकवा चुके हैं और वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इतना ही नहीं उनका कहना है कि मैं रूस और यूक्रेन के अलावा इजरायल और हमास के बीच की जंग भी रुकवाने के लिए तत्पर हूं। नोबेल कमेटी के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने कहा, यह सही है कि किसी खास कैंडिडेट को लेकर मीडिया में काफी चर्चा है। लेकिन सच है कि इससे हमारे फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम अपने मानकों के अनुसार ही निर्णय लेते हैं। इसमें कोई बाहरी फैक्टर काम नहीं करता और ना ही किसी तरह का दबाव चलता है।
इस साल नोबेल पुरस्कारों का ऐलान 10 अक्तूबर को होना है। ट्रंप का कहना है कि उनके नाम की सिफारिश बेंजामिन नेतन्याहू और अजरबैजान के इलहाम अलियेव ने की है। इसके अलावा पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भी कहा था कि ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। हालांकि ट्रंप को इस बार यह पुरस्कार मिलने की संभावना बहुत कम है।
नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी ही थी, जबकि 11 दिन पहले ही ट्रंप ने पद संभाला था। इसकारण माना जा रहा है कि यदि ट्रंप के नाम पर विचार भी होगा, तब वह अगले साल होगा। इस बार उनके नाम के ऐलान की कोई संभावना नहीं है। जुलाई में ही नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का नाम आगे बढ़ाया है। इसके लिए उन्होंने नॉर्वे की नोबेल समिति को लेटर भी भेजा था।