Pakistan Airline Sold—यह खबर पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक हालत की सबसे बड़ी तस्वीर बनकर सामने आई है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को आखिरकार अपनी सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) को बेचना पड़ा। लंबे समय से घाटे में चल रही PIA को 135 अरब रुपये में एक लोकल इन्वेस्टमेंट कंपनी को बेच दिया गया है। सरकार ने इससे पहले भी PIA के निजीकरण की कोशिश की थी, लेकिन तब तय मूल्य नहीं मिलने के कारण सौदा टाल दिया गया था।
इस्लामाबाद में PIA के निजीकरण को लेकर एक औपचारिक सेरेमनी आयोजित की गई, जिसमें कई बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया। बोली प्रक्रिया में लकी सीमेंट, इन्वेस्टमेंट फर्म आरिफ हबीब और निजी एयरलाइन एयरब्लू शामिल रहीं। तीनों कंपनियों ने अपनी सील बंद बिड्स पारदर्शी बॉक्स में जमा कीं। दूसरे चरण में बिड्स खोली गईं, जिसमें सबसे ऊंची बोली आरिफ हबीब इन्वेस्टमेंट फर्म की निकली और उसी ने PIA को खरीद लिया।
PIA के लिए सरकार ने रेफरेंस प्राइस 100 अरब रुपये तय की थी। बोली के दौरान आरिफ हबीब और लकी सीमेंट के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कीमत बढ़ते-बढ़ते 135 अरब रुपये तक पहुंच गई, जिसके बाद लकी सीमेंट ने पीछे हटते हुए आरिफ हबीब को बधाई दी। इस तरह 135 अरब रुपये में PIA का सौदा तय हुआ, जिसे पाकिस्तान के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा निजीकरण सौदा बताया जा रहा है।
Pakistan Airline Sold होने के पीछे सरकार ने तर्क दिया कि एयरलाइन लंबे समय से लापरवाही, कुप्रबंधन और घाटे की शिकार रही है। सरकार ने 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी, जबकि शेष 25 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए निवेशक को 90 दिन का समय दिया गया है। बिक्री से मिलने वाली राशि का 92.5 प्रतिशत PIA में पुनर्निवेश किया जाएगा, जबकि बाकी रकम सरकार को मिलेगी। इसके अलावा नए निवेशक को अगले पांच वर्षों में करीब 80 अरब रुपये का अतिरिक्त निवेश भी करना होगा।









