गाजा। गाजा ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए राहत भरी खबर है। अब गाजा में शांति लौटने लगी है। यहां लंबे समय से डटी इजरायली सेना पीछे हट रही तो लोग वापस अपने घर आने लगे हैं। शुक्रवार दोपहर से इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम लागू हो गया है। इसके बाद हजारों फिलिस्तीनी अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं। इजरायली सेना ने कहा है कि उसके सैनिक तय की गई सीमाओं तक पीछे हट गए हैं। हालांकि शुक्रवार सुबह तक उत्तरी गाजा में भारी गोलाबारी की रिपोर्टें भी आईं।
प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू के दफ्तर ने बताया कि उनके कैबिनेट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से बनी सीजफायर योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत सभी बचे हुए बंधकों और कई फ़िलिस्तीनी कैदियों की रिहाई रविवार या सोमवार से शुरू होगी। वहीं वाडी गाजा इलाके में हजारों लोग शुक्रवार दोपहर पैदल अपने घरों की ओर निकल पड़े। कई लोग केवल यह देखने लौटे हैं कि उनका घर अब भी खड़ा है या नहीं। इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी गाजा की दो सड़कों पर वापसी की अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ इलाकों में अब भी सेना मौजूद है, इसलिए वहां न जाने की चेतावनी दी गई है।यह युद्धविराम पिछले दो साल से चल रहे विनाशकारी युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे गाजा में खाने-पीने की चीजो, दवाओं और अन्य राहत सामग्री की आपूर्ति भी बढ़ेगी। हालांकि अब भी कई सवाल बाकी हैं- जैसे कि क्या हमास का निशस्त्रीकरण कैसे होगा और गाजा का शासन कौन संभालेगा। हमास के वरिष्ठ नेता मूसा अबू मरजूक ने कहा कि संगठन अब भी मध्यस्थों से संपर्क में है और वह कुछ प्रमुख फिलिस्तीनी नेताओं जैसे मरवान बरघूती और अहमद सादात की रिहाई पर जोर दे रहा है। उन्होंने बताया कि इजरायल ने कई नामों को मंजूर करने से इनकार किया है। मरवान बरघूती 66 साल के हैं और फ़िलिस्तीन में लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। वे इजरायल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल से गाजा में और ज्यादा बॉर्डर क्रॉसिंग खोलने की अपील की है ताकि जरूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके। यूएन प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि ‘सीजफायर ने उम्मीद जगाई है।’ यूएन ने बताया कि रविवार से 1,70,000 मीट्रिक टन राहत सामग्री गाजा में भेजने की तैयारी है, जो जॉर्डन और मिस्र में पहले से रखी गई थी। अब इज़राइल ने राहत एजेंसियों को ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक्स पर लिखा- नोबेल कमेटी शांति की बात करती है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप उसे साकार करते हैं। वे नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। समझौते के तहत 48 बंधकों की रिहाई होगी, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की उम्मीद है। इसके बदले करीब 2,000 फ़िलिस्तीनी कैदी छोड़े जाएंगे। हालांकि, इस सूची में मरवान बरघूती का नाम नहीं है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस ने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी और जटिल कैदी-बंदी अदला-बदली होगी।