इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को 5 अगस्त को दो साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी ने समर्थकों से अपील की है कि वे लोकतंत्र की बहाली और इमरान की रिहाई की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें।
इमरान वर्तमान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। खबर है कि पीटीआई कार्यकर्ता जेल के बाहर भी प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। यह देखकर जेल प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की है। प्रशासन को आशंका है कि जेल के आसपास भीड़ जुट सकती है, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
संभावित विरोध को ध्यान में रखते हुए रावलपिंडी जिला प्रशासन ने 4 से 10 अगस्त तक धारा 144 लागू कर दी है। इस अवधि में चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, रैली निकालने, धरना देने या किसी भी तरह के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी। जिला अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला एहतियात के तौर पर लिया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
पीटीआई ने आरोप लगाया है कि इमरान को राजनीतिक कारणों से जेल में रखा गया है और सरकार उन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर रखने की साजिश कर रही है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि इमरान की गिरफ्तारी लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। इमरान को 2023 में अदालत ने भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें अडियाला जेल में रखा गया। तब से पार्टी समर्थक लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
लेकिन इस पूरे मामले पर सरकारी स्तर पर अब तक कोई विशेष बयान सामने नहीं आया है। वहीं विपक्षी दल पीटीआई इस दिन को लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मना रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन प्रदर्शनों के माध्यम से पार्टी आने वाले आम चुनावों से पहले जनसमर्थन जुटाना चाहती है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान की भूमिका और पीटीआई के आंदोलन की दिशा अहम हो सकती है।