चीन से रिश्ते हो रहे बेहतर, कई मायनों में अहम है विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा

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नई दिल्ली। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आ रहे हैं। वह सोमवार और मंगलवार को भारत में रहेंगे। उनकी यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से पहले हो रही है। ऐसी खबरें हैं कि पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जा सकते हैं। वहां उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी हो सकती है। इससे पहले ही रही चीन के विदेश मंत्री वांग यी की दिल्ली यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और चीन के रिश्तों को बेहतर बनाना है। दोनों देश चाहते हैं कि एलएसी पर शांति बनी रहे। वे आर्थिक सहयोग को भी बढ़ाना चाहते हैं। इसमें चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट, फर्टिलाइजर्स और दवा प्रोडक्ट्स की आपूर्ति शामिल है।
पिछले साल अजित डोभाल ने चीन का दौरा किया था और वांग यी के साथ सीमा मुद्दे पर बातचीत की थी। इसके बाद विदेश सचिव ने भी चीन का दौरा किया था। इस साल की शुरुआत में डोभाल, जयशंकर और रक्षा मंत्री भी एससीओ की बैठकों के लिए चीन गए थे। रिश्तों में आई नरमी लोगों के बीच आदान-प्रदान में भी दिख रही है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। यह हिंदुओं की एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है। भारत ने पांच साल के अंतराल के बाद चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा फिर से शुरू कर दिया है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि इस यात्रा से एलएसी पर शांति बनाए रखने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इससे दोनों देशों के लोगों को भी फायदा होगा। वांग यी की यह यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। ये पीएम मोदी की चीन यात्रा की तैयारी का एक अहम हिस्सा है। उम्मीद है कि इस यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट्स फिर से शुरू हो जाएंगी। ये उड़ानें कोविड-19 महामारी और 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से बंद हैं। पीएम मोदी ने आखिरी बार 2018 में चीन का दौरा किया था। तब उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
डोभाल से भी चीनी विदेश मंत्री की मुलाकात
विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीन के विदेश मंत्री वांग यी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भारत-चीन सीमा को लेकर पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं दौर की वार्ता करेंगे। वांग यी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच एक द्विपक्षीय बैठक भी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई तनातनी के बाद यह चीन की ओर से पहली उच्च-स्तरीय यात्रा होगी। चीन, पाकिस्तान को अपना ऑल-वेदर फ्रेंड कहता है। मई में हुई झड़पों के दौरान पाकिस्तान ने भारत को निशाना बनाने के लिए चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया था। भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि चीन ने पाकिस्तान को रियल-टाइम इंटेलिजेंस मुहैया कराई थी।