नई दिल्ली। हाल ही में गाजा के एक अस्पताल पर रॉकेट हमले के बाद भारत ने इसपर चिंता जताया है। भारत ने इजरायल-हमास युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि गाजा में उत्पन्न परिस्थिति को लेकर भारत चिंतित है। गाजा में भारतीयों के फंसे होने के सवाल पर बागची ने कहा कि वहां (गाजा) पहले तकरीबन चार लोग थे लेकिन अभी स्पष्ट आंकड़े नहीं है। उन्होंने कहा कि गाजा में स्थिति ऐसी है कि वहां से लोगों को निकालना थोड़ा मुश्किल है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि गाजा में उत्पन्न परिस्थिति को लेकर भारत चिंतित है। गाजा में भारतीयों के फंसे होने के सवाल पर बागची ने कहा कि वहां (गाजा) पहले तकरीबन चार लोग थे, लेकिन अभी स्पष्ट आंकड़े नहीं है। उन्होंने कहा कि गाजा में स्थिति ऐसी है कि वहां से निकलना थोड़ा मुश्किल है।
इजरायल से अब तक 1200 लोगों की सुरक्षित वापसी
ऑपरेशन अजय को लेकर अरिंदम बागची ने कहा कि अजय ऑपरेशन के तहत पांच विमान से 1200 लोग वापस लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें 18 नेपाली नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और भी विमान भेजने का प्लान है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने इजरायल पर हुए भीषण हमले की कड़ी निंदा की है और पूरी दुनिया को आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए। फलस्तीन और इजरायल को लेकर अरिंदम बागची ने कहा कि हमने पहले भी बातचीत पर जोर दिया है और अभी भी उसी को दोहरा रहे हैं।
गाजा में अस्पताल पर हमले की वैश्विक निंदा
बता दें कि मंगलवार को गाजा के एक अस्पताल में एक रॉकेट हमला हुआ था, जिसमें करीब 470 लोगों की मौत हो गई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी। साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने कहा दुख जताते हुए कहा कि इस युद्ध में निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाले लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए