वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज दौरे पर जाने वाले हैं। उनके इस दौरे को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल मची हुई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय द्वारा पीएम के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की धमकी के बाद, उन्हें बुधवार देर रात लखनऊ स्थित उनके आवास पर नजरबंद कर दिया गया है। इस कदम से तनाव और बढ़ गया है। कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का आरोप लगाया है, जबकि प्रशासन ने इसे पीएम के उच्च-स्तरीय दौरे के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निवारक उपाय बताया है। यह दौरा मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक के साथ होने वाला है।
पीएम के दौरे से पहले सियासी तनाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होने वाला दौरा उत्तर प्रदेश में सियासी तनाव का कारण बन गया है। इस दौरे के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जुगनाथ के साथ द्विपक्षीय बैठक भी होनी है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने इस दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में कथित तौर पर वोट चोरी का मुद्दा उठाने की बात कही। इस घोषणा के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राय को उनके लखनऊ आवास पर नजरबंद कर दिया।
नजरबंदी: कांग्रेस का दमन का आरोप
देर रात, लखनऊ की पीजीआई पुलिस ने अजय राय को उनके अलमबाग स्थित आवास पर नजरबंद कर दिया। उनके घर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई ताकि कोई विरोध प्रदर्शन न हो सके। पुलिस ने इसे पीएम के दौरे के दौरान व्यवधान रोकने के लिए निवारक कदम बताया. हालांकि, राय ने योगी सरकार पर लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का आरोप लगाया और कहा- ‘सरकार विपक्ष की आवाज को कुचलना चाहती है। कांग्रेस समर्थक उनके आवास के बाहर एकत्र हुए, लेकिन पुलिस ने उनकी गतिविधियों पर सख्त नजर रखी. कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
रायबरेली में विरोध और वोट चोरी का आरोप
यह सियासी ड्रामा हाल ही में रायबरेली में हुई घटनाओं का परिणाम प्रतीत होता है, जहां 9 सितंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौरे के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं, जिनमें राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह शामिल थे, उन्होंने उनके काफिले को रोककर नारेबाजी की थी। कांग्रेस ने इसे अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई बताया, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाया गया है। राय, जो वाराणसी से मोदी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार थे, उन्होंने पीएम के दौरे के दौरान विरोध की धमकी दी थी, जिसे रायबरेली की घटना का जवाब माना जा रहा है।
वाराणसी और लखनऊ में हाई अलर्ट
पीएम के दौरे और मॉरीशस के पीएम की मौजूदगी को देखते हुए वाराणसी और लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और चेकपॉइंट्स स्थापित किए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। प्रशासन ने राय की नजरबंदी को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी बताया और कहा- ‘यह पीएम के कार्यक्रम में किसी भी व्यवधान को रोकने के लिए निवारक कदम है। रायबरेली में भी राहुल गांधी के दौरे के दौरान हुए विरोध के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कांग्रेस बनाम बीजेपी
अजय राय की नजरबंदी पर दोनों पक्षों से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। कांग्रेस नेताओं, जिनमें पूर्व सांसद पीएल पुनिया शामिल हैं, उन्होंने योगी सरकार पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को दबाने की कोशिश बताया, जिसमें बीजेपी पर वाराणसी सहित कई सीटों पर चुनावी धांधली का आरोप है। दूसरी ओर, बीजेपी ने प्रशासन के कदम का बचाव करते हुए कहा कि कूटनीतिक दौरे के दौरान विरोध भारत की छवि को खराब कर सकता है। उन्होंने रायबरेली के विरोध को कांग्रेस के ‘निराधार’ वोट चोरी के आरोपों का जवाब बताया।