हस्तरेखा शास्त्र : आजकल हर कोई सफल इंसान बनना चाहता है। कई लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए विदेश जाने के भी सपने देखते हैं। इसके लिए लोग विदेश जाने से पूर्व ज्योतिष से अवश्य सलाह लेते हैं। ज्योतिष कुंडली और हस्त रेखा देखकर जातक की भविष्यवाणी करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की हथेली पर कई तरह की रेखाएं और निशान बने होते हैं। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार इन सभी का अलग-अलग महत्व होता है। व्यक्ति की हथेली में मौजूद रेखा को देखकर उसके भविष्य के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है।
व्यक्ति के पास कितना धन होगा, किस उम्र में सफलता मिलेगी ये सभी बातें हाथ की रेखाओं को देखकर जानी जा सकती हैं। इन्हीं रेखाओं में से एक रेखा विदेश यात्रा की भी है। हस्तरेखा शास्त्र की माने तो हथेली पर यात्रा रेखा कई जगहों पर बनती है। यात्रा रेखाओं के जरिए से हम ये जान सकते हैं कि व्यक्ति अपने जीवन में कभी विदेश यात्रा कर पाएगा या नहीं। आइए जानते हैं हथेली पर बनने वाले विदेश यात्रा योग के बारे में…
- यदि किसी की हथेली पर कोई लकीर जीवन रेखा से निकलकर भाग्य रेखा को पार करते हुए चंद्र पर्वत की ओर जाए तो विदेश यात्रा का योग बनता है। मान्यता है कि ये लकीर जितनी गहरी और साफ सुथरी होगी विदेश यात्रा उतनी ही सफल होगी।
- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की हथेली पर बुध पर्वत के पास से कोई रेखा निकलकर सूर्य पर्वत पर जा मिलती हो तो ऐसा व्यक्ति कई बार विदेश यात्रा करता है।
- वहीं यदि किसी व्यक्ति की हथेली में चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा शनि पर्वत से मिलती है तो ऐसे व्यक्ति का भाग्य विदेश में जाकर चमकता है।
- हथेली पर मौजूद कुछ निशान बहुत ही शुभ होते हैं, जिनमें त्रिभुज जैसा निशान बहुत खास होता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि चंद्र पर्वत पर त्रिभुज का निशान बने तो समझिए आपको कई बार विदेश यात्रा करने का सौभाग्य प्राप्त होगा।
- वहीं हथेली की रेखाओं और निशान के अलावा तिलों से भी विदेश यात्रा के बारे में संकेत मिलते हैं। यदि किसी व्यक्ति की दाहिनी भौंह के पास कोई तिल का निशान बने तो व्यक्ति का व्यापार दूसरे देशों में भी होता है। ऐसे व्यक्ति को कई बार अलग-अलग देशों में यात्रा करने का मौका मिलता है। इसके अलावा किसी व्यक्ति के नाक, पैर के तलवे या अंगूठे पर तिल होता है तो वह व्यक्ति विदेश यात्रा जरूर करता है।