सीकर। राजस्थान के सीकर जिले के सिद्ध पीठ देवीपुरा बालाजी मंदिर एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस मंदिर में बालाजी को अनूठा भोग लगाया गया। मन्दिर में बालाजी महाराज को 2700 किलो की रोट का भोग लगा। जिसमें सवा 11 क्विंटल आटे, ड्राइफ्रूट,सूजी व गाय के देशी घी का इस्तेमाल किया गया। 4 टन के बेलन से एक ऐसा रोट तैयार किया गया है, जिसका साइज एक कार के बराबर है।
![11 क्विंटल आटे से बनी दुनिया की सबसे बड़ी रोटी, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम 1 Untitled 9](https://pradeshlive.com/wp-content/uploads/2023/07/Untitled-9.gif)
बालाजी के पुजारी ने बताया कि इस रोट को 11 फीट लंबे व चौड़ाई के तवे की सिकाई की गई। इसका वजन 2700किलो है। यह विश्व का सबसे बड़ा रोट है। इससे पहले सूरत में 127 किलो का रोट बनाया गया था। गिनीज बुक में सूरत के रोट का नाम दर्ज है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सीकर के इस बालाजी मंदिर का नाम दर्ज कराने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को मेल किया गया है। सीकर के सिद्ध पीठ देवीपुरा बालाजी का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है।
भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
रोट को देखने के लिए मंदिर परिसर में सैकड़ों की संख्या मे श्रद्धालु मौजूद थे। रोटे की सिकाई के लिये बनाई गई भट्टी में कारीगरों ने व्यवस्थित ढंग से गाय के गोबर से बने कंडे व थेपड़िया जमाई हैं। इस रोट को बनाने के लिए जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया।
विधि विधान से लगा भोग
2700 किलोग्राम के कुल वजनी रोटी
रोट तैयार होने के बाद वैदिक विधि विधान से एक जुलाई को प्रातः सवा आठ बजे बाल भोग के रूप मे बालाजी महाराज को भोग लगाया गया। 2700 किलोग्राम के कुल वजनी रोटे का मशीनों द्वारा चूरमा तैयार कर पंगत प्रसादी के रूप मे वितरित किया गया। मंदिर के महंत ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि इस आस्था एवं श्रद्धा अनूठे कार्यक्रम का आयोजन पूज्य संत श्री रामदास जी महाराज बापजी के पावन सानिध्य एवं मार्गदर्शन मे किया गया। इस रोट की 18 से 20 घंटे तक सिकाई की गई। यह रोट राजस्थान के प्रसिद्ध संत रामदास जी महाराज पुनासा वाले बाप जी की देखरेख में बनी।