Munawwar Rana Death:मशहूर शायर मुनव्वर राना का रविवार देर रात को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने 71 वर्ष की उम्र में लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली। मुनव्वर राना लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके कारण उन्हें पीजीआई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वह लंबे समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली। मुनव्वर राना को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। पीजीआई से दो दिन पहले वह लखनऊ में ही मेदांता अस्पताल में भर्ती थे।जानकारी के मुताबिक, मुनव्वर राना को क्रोनिक किडनी बीमारी की समस्या थी और हफ्ते में तीन बार उन्हें डायलसिस से गुजरना पड़ता था। पिछले दिनों उन्हें निमोनिया भी हुआ था।
आज को किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
Acclaimed poet Munawwar Rana dies at 71. He was admitted to the Sanjay Gandhi Post Graduate Institute of Medical Sciences (SGPGIMS) in Lucknow.
— Press Trust of India (@PTI_News) January 14, 2024
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मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना ने बताया कि उनके पिता का लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया और सोमवार को उनको सुपुर्द-ए-खाक (अंतिम संस्कार) किया जाएगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। मुनव्वर का जन्म 26 नवंबर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुआ था। 2014 में उन्हें उनकी लिखी कविता शाहदाबा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे सरकार को वापस लौटा दिया था। मुनव्वर का जन्म भले ही उत्तर प्रदेश में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना ज्यादातर जीवन कोलकाता में बिताया। मुनव्वर उर्दू के शायर थे, लेकिन वे अपनी शेरों में अवधी और हिंदी शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से करते थे। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ती चली गई।