नई दिल्ली। देश ने लोकसभा चुनाव कि तैयारियां जारी हैं। चुनाव प्रचार के साथ बयानबाजी का सिलसिला भी जारी हैं। इसी बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सोमवार को ‘घुसपैठियों को संपत्ति बांटने’ वाले बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस के पूर्व नेता सिब्बल ने कहा कि एक तरफ आप राम मंदिर का उद्घाटन करते हैं, तो दूसरी तरफ नफरत फैलाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि पीएम मोदी की सबका साथ-सबका विकास करने की बात कहां गई? सिब्बल ने कहा कि पीएम के परिवार ने भी उनको ऐसी संस्कृति नहीं दी होगी।
कांग्रेस के पूर्व नेता सिब्बल ने कहा है कि पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए, उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ जो बयान दिया है, वैसा तो उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी नहीं सिखाया होगा। मोहन भागवत क्यों चुप हैं? हम आरएसएस का विरोध करते हैं और करते रहेंगे।
सपा नेता ने आगे कहा कि मगर हम मानते हैं कि ये बातें आरएसएस ने मोदी को सिखाई नहीं होगी। ये आरएसएस की भी संस्कृति नहीं है। पीएम के संस्कार हमारी सभ्यता के संस्कार से जुड़े होने चाहिए। सिब्बल ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के पद की इज्जत करते हैं लेकिन जब पीएम इज्जत के लायक न रहे तो जो भी बुद्धिजीवी लोग हैं, उन्हें पीएम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। क्या मोदी देश से ऊपर हो गए?
‘पीएम के बयान से देश के करोड़ों लोग निराश’
पीएम के संपत्ति बांटने वाले बयान पर कपिल सिब्बल ने कहा, “कल की बात, जब प्रधानमंत्री ने ऐसा भाषण दिया, जिसे सुनकर ऐसा लगता है कि पहले चरण में हुए मतदान के नतीजे उनके पक्ष में नहीं आ रहे हैं। उस भाषण के बाद मैं समझता हूं कि इस देश के करोड़ों लोग निराश होंगे। वे इसलिए निराश होंगे, क्योंकि 1950 के बाद शायद ही किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा बयान दिया होगा। जो दर्शाता है कि यहां रहने वाले अल्पसंख्यक घुसपैठिए हैं।”