बैंकों में एक साल में जमा की रकम 190 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच सकती है। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक,उधारी की मांग को पूरा करने के लिए बैंकों के पास सबसे आसान तरीका एफडी पर ब्याज बढ़ाना है।अभी जमा की वृद्धि दर 9.5% है,वहीं कर्ज में 17% बढ़त है।जमा के अनुपात में कर्ज का उठाव दोगुना है।यस सिक्योरिटीज के अमर अंबानी ने कहा कि बैंकों को जमा पर ब्याज बढ़ाना ही होगा।आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक,4 नवंबर के पखवाड़े में बैंकों के पास 173.70 लाख करोड़ जमा था। एक साल पहले यह 160.46 लाख करोड़ था।
पिछले साल नवंबर से इस साल मई तक जमा पर ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई बावजूद इसके जमा में 13 लाख करोड़ की बढ़त दिखी। इस साल मई से आरबीआई द्वारा रेपो दर में 1.90 फीसदी की वृद्धि के बाद जमा पर ब्याज दरें जमकर बढ़ीं हैं।अब एफडी पर 8 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है।आईसीआईसीआई बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग ने कहा,कर्ज में ज्यादा वृद्धि इसलिए हैं क्योंकि आवास, कृषि, वाहन और अन्य क्षेत्रों से मांग आ रही है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 और 2024 में कर्ज की रफ्तार 15% की दर से बढ़ सकती है। 2024 में बैंकों का कर्ज 164 लाख करोड़ हो सकता है।
बैंकों का कर्ज 110.40 लाख करोड़ से बढ़कर 129.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जमा की तुलना में इसमें 6 लाख करोड़ बढ़त हुई है। पिछले साल जब होम लोन की ब्याज दरें निचले स्तर 6.35% पर थीं, तब कर्ज में केवल 5.5% की वृद्धि हुई थी। लेकिन कर्ज पर ब्याज 9% के ऊपर है तो इसमें वृद्धि 17% की है।भारी भरकम कर्ज की मांग पूरा करने के लिए जमा पर ज्यादा ब्याज देना ही होगा। 21 अक्टूबर के हफ्ते में जमा 172.03 लाख करोड़ रुपये पर था। सिंतबर, 2020 से देखें तो इसमें 30 लाख करोड़ की बढ़त आई है। उस समय जमा 142.63 लाख करोड़ था।