आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के कुल 15.88 करोड़ लोग रजिस्टर्ड हो चुके हैं।इनमें से 3.61 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज भी मिल चुका है।पिछले 4 साल में इलाज पर कुल 45,781 करोड़ रु. खर्च किए जा चुके हैं।इस योजना के तहत अब तक हुए इलाज और खर्च का एनालिसिस करें तो राज्यों के प्रदर्शन में काफी अंतर नजर आता है।इस योजना के तहत सबसे ज्यादा 3.11 करोड़ मरीज मध्य प्रदेश में पंजीकृत हैं, लेकिन इलाज सिर्फ 21 लाख लोगों को मिला है।
वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुकाबले आधे पंजीकरण वाले तमिलनाडु में तीन गुना ज्यादा मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है। तमिलनाडु में कुल 1.54 करोड़ लोग रजिस्टर्ड हैं।इनमें से 67 लाख लोगों को इलाज मिल चुका है।
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने बताया कि दक्षिण भारत के राज्यों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से काफी मजबूत है। इन राज्यों की सरकारों ने योजना को भी प्रभावी तरीके से लागू किया है। इसलिए वहां का प्रदर्शन देश के बाकी राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर रहा है।
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ में ही देश की 46% रकम खर्च हो चुकी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इलाज कराने वाले 57% मरीज इन्हीं राज्यों में हैं। गौर करने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा 6,329 करोड़ रु. अकेले गुजरात में खर्च हुए हैं, जबकि वहां इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 33.23 लाख है। यह संख्या कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के मुकाबले कम हैं। तमिलनाडु में 67.34 लाख मरीजों के इलाज पर 5424.48 करोड़ रु. खर्च हुए हैं।