RBI Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल मुद्रा – ‘डिजिटल रुपया’ को लेकर बड़ा एलान किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर को रिटेल डिजिटल रुपी (e₹-R) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने की घोषणा की है। शीर्ष बैंक ने 31 अक्टूबर को कहा कि पायलट एक महीने के समय में शुरू होगा। पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपी क्रिएशन, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल यूज की पूरी प्रोसेस को बारीकी से परखा जाएगा। इस टेस्ट से मिली लर्निंग पर रिटेल डिजिटल रुपी में बदलाव होंगे। इससे पूर्व आरबीआई ने 31 अक्टूबर, 2022 की एक प्रेस विज्ञप्ति में संकेत दिया था कि खुदरा डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट एक महीने में शुरू होगा।
RBI ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट में ग्राहकों और व्यापारियों का क्लोज्ड ग्रुप होगा जो चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा। ई-रुपी का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। इसके उपयोगकर्ता बैंकों की ओर से उपलब्ध कराए गए एप के जरिए इसे खरीद सकेंगे और अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित कर सकेंगे। इसमें व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति व व्यापारियों के बीच लेनदेन किया जा सकेगा। मर्चेंट् स्टोर पर लगे क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकेगा।
कनवर्ट हो सकेगा e₹-R
e₹-R को पैसों के अन्य रूप में कनवर्ट किया जा सकेगा। इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए आठ बैंकों को चुना गया है, लेकिन पहले चरण की शुरुआत देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक से होगी। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित चार और बैंक इस पायलट में शामिल होंगे।
चार शहरों में शुरू होगा पायलट
पायलट शुरू में चार शहरों – मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा और धीरे-धीरे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक विस्तारित होगा। अधिक बैंकों और अधिक शहरों को धीरे-धीरे शामिल किया जा सकता है।
दो तरह की डिजिटल करेंसी
डिजिटल करेंसी दो तरह की है- CBDC होलसेल और CBDC रिटेल। 1 नवंबर को रिजर्व बैंक ने होलसेल ई-रुपी का पायलट लॉन्च किया था। ये केवल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थानों के लिए हैं। इसके लिए SBI, BOB, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना था।
e₹-R की वैल्यू
डिजिटल करेंसी यानी (e₹-R) की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। इसको भी फिजिकल करेंसी की तरह ही एक्सेप्ट किया जाएगा। e₹ से जेब में नगदी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। इसे रखने के लिए बैंक खाते की अनिवार्यता नहीं होगी। इससे कैशलेस पेमेंट कर सकेंगे।
अनजान व्यक्ति को जानकारी शेयर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजता बरकरार रहेगी। सबसे पहले नगदी पर निर्भरता घटेगी। फिजिकल रुपए को छापने की लागत घटेगी। नगद अर्थव्यवस्था घटाने का लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। लेनदेन की लागत घटाने में भी मदद मिलेगी।