Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित “बागेश्वर धाम” के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की लोक प्रियता किसी से छिपी नहीं है। आज कल वे बिहार की राजधानी पटना में दरबार लगाए है। क्या आप जानते है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिलने से पहले भक्त को अर्जी लगानी पड़ती है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने आप को हनुमान जी का भक्त बताते है। बागेश्वर धाम, जहां लोगों को बालाजी महाराज की कृपा और आशीर्वाद दर्शन मात्र से ही मिल जाते हैं। यहां धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री एक अर्जी के माध्यम से लोगों समस्या का समाधान करते हैं ।
इस समय बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में बागेश्वर बाबा ने अपना दरबार लगाया हुआ है। जानकारी के अनुसार 17 मई तक यहां बाबा का दरबार लगाने वाले हैं। बाबा बागेश्वर से जुड़े कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो सोशल मीडिया पर सर्च किए जाते हैं।
धीरेन्द्र शास्त्री लोगों का पर्चा पढ़कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। यहां अर्जी लगाने की एक प्रक्रिया है। लेकिन इतना ही पर्याप्त नहीं है, अर्जी लगने के बाद बागेश्वर धाम में पेशी लगाना भी आवश्यक माना जाता है। बताया जाता है कि जब दरबार में किसी की अर्जी लगती है तो बागेश्वर धाम दरबार में धीरेन्द्र शास्त्री खुद बता देते हैं कि उस श्रदालु को कितनी पेशी करने की जरुरत है। बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) की इंटरनेट वेबसाइट की सूचना के हिसाब से कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का कहा जाता है।
कैसे लगाई जाती है-
जानकारी के मुताबिक जिस किसी को भी बागेश्वर धाम में अपनी अर्जी लगवानी होती है वो धाम पर जाकर रंगीन कपड़े में एक नारियल बांधकर बागेश्वर धाम परिसर में रख दे। यहां पर लाल, पीले और काले कपड़े में नारियल को बांधते है। यदि अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़ा, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो पीला कपड़ा और अगर प्रेत बाधा से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को काले कपड़े में बांध कर रखते हैं।
बागेश्वर धाम से जुड़े लोगों की मानें तो संन्यासी बाबा दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के परदादा थे। कहा जाता है कि उन्होंने ही बागेश्वर धाम बालाजी का मंदिर बनवाया था। आसपास के इलाकों में उनकी विशेष मान्यता थी, वे भी समस्याओं का निदान किया करते थे। बागेश्वर धाम भगवान हनुमान के मंदिर के लिए विख्यात है। लोगों में ऐसी आस्था है कि बागेश्वर धाम में दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।