Navratri 2023: भारतीय संस्कृति में नवरात्रि पर्व में व्रत-उपवास के साथ-साथ देवी के पूजा-पाठ का विधान है। चारों तरफ वातावरण में उत्साह और उल्लास होता है। मां दुर्गा की कृपा से जीवन में भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि आती है। जिन भवनों में वास्तुदोष हो वहां सुख-शांति के लिए देवी मां की पूजा से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, वहां मौजूद सभी बुरी शक्तियां भाग जाती हैं। सनातन धर्म में मानव कल्याण के कई रहस्य बताए गए हैं आज हम बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही रहस्य के बारे में जो नवरात्र में करने पर आपके घरों के कई बाधाओं को दूर कर सकता है।
कुछ ही दिनों में नवरात्र का महापर्व प्रारंभ होने जा रहा है। इस पर्व में कई विधान मानव कल्याण के लिए किये जाते हैं हम आज आपको कुछ विधान को करने के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं जो सामान्यतः आप स्वयं अपने घर में करके नकारात्मक उर्जा को अपने घर से निकाल सकते हैं। वेदों के अनुसार हमारा शरीर प्रकृति के पांच तत्वों से मिलकर बना है। ये पांच तत्व हमारे शरीर में वही प्रतिक्रिया करते हैं जैसे हम प्रकृति के साथ करते हैं। अगर इन्हे संतुलित बनाये रखना है तो हमें इन तत्वों के उपयोग का भी ज्ञान होना जरूरी है। आज हम अपको कुछ ऐसी जानकारी ग्रंथों, मान्यताओं एवं वास्तुशास्त्र की खोज खबर के बाद बताने जा रहे हैं। घर की बुरी शक्तियां दूर भाग जाएंगी।
गाय के कंड़े का धुआं
प्राचीन धर्म से जुड़े विद्वानों के अनुसार नवरात्रों में गाय के गोबर से बने उपले को जलाकर पूरे घर में उसका धुआं करें। इस धुएं के फैलने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियां घर छोड़कर चलीं जाती हैं। इस विधि में आप कपूर,लौंग एवं पीपल एवं आम की लकड़ी का उपयोग कर सकते हैं,साथ ही थोड़ा सा घी एवं सरसों का तेल का उपयोग भी इस क्रिया में कर सकते हैं। रोजाना गोबर के उपले जलाकर पूरे मंदिर में घुमाने के बाद परिवार के सदस्यों के ऊपर से घुमाने से आपसी प्रेम बढ़ता है और घर में अगर कलह का माहौल है तो उसमें भी शांति आ जाती है।
गाय के गोबर को शास्त्रों के अनुसार बहुत ही शुद्ध और लाभकारी माना जाता है इसलिए पूजा के दौरान इसका प्रयोग करने से अवश्य ही लाभ मिलता है। शास्त्रों की माने तो गाय में सभी देवी देवताओं का वास है नवरात्र में माता रानी की कृपा पाने एवं अपने घर की नकारात्मक उर्जा को नष्ट करने एवं वातावरण को शुद्व बनाने यह प्राचीन उपाय अपनाकर अपने जीवन को स्वस्थ्य एवं सफल बनाएं। नवरात्रि के दौरान माता रानी को प्रसन्न करने के लिए हर दिन सुबह घर की सफाई करें। सुबह शाम विधि विधान से पूजा अर्चना करें। नवरात्रि के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है। नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन कर माता रानी का ध्यान कर अपनी मनोकामना पूर्ण की जा सकती है।
अशोक के हरे-हरे पत्तों की बंदनवार लगाएं
नवरात्रि में दुर्गा माँ की पूजा-अनुष्ठान के दौरान पूजन कक्ष एवं मुख्य द्वार पर आम या अशोक के हरे-हरे पत्तों की बंदनवार लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती, ध्यान रहे बंदनवार सूखने पर तुरंत दूसरी बाँध दें।
अखंड दीप रखें
मातारानी की पूजा करते समय अखंड दीप को पूजा स्थल के आग्नेय यानि दक्षिण-पूर्व में रखना शुभ होता है क्योंकि यह दिशा अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करती है,ऐसा करने से आग्नेय दिशा के वास्तुदोष दूर होकर घर में रुका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा आग्नेय कोण में अखंड ज्योति या दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं
नवरात्रि के दिनों में संध्याकाल के समय पूजन स्थल पर शुद्ध घी का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बुरी शक्तियां दूर भागती हैं घर के सदस्यों को प्रसिद्धि मिलती है व रोग एवं क्लेश दूर होते है।
पूजा कक्ष के दरवाज़े पर हल्दी स्वास्तिक बना दे
पूजा कक्ष के दरवाज़े पर हल्दी, सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से मां की कृपा प्राप्त होती है, वास्तु दोषों से उत्पन्न बुरे प्रभाव दूर होते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार शंख ध्वनि व घंटानाद करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आस-पास का वातावरण शुद्ध और पवित्र होकर मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।