Saturday, February 8, 2025
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देवउठनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, विष्णु पूजा से मिलेगा मनोवांछित फल

Dev Uthani Ekadashi 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठानी एकादशी व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस वर्ष 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। शास्त्रों में निहित है कि देवउठनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में नींद से जागृत होते हैं। अतः इस दिन से मांगलिक कार्य का भी शुभारंभ होता है। देवउठनी एकादशी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 50 मिनट से हो रहा है जो संध्याकाल 05 बजकर 16 मिनट तक है। ज्योतिष रवि योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
बता दें कि देवउठनी एकादशी व्रत का महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद योग निद्रा से जागते हैं। साथ ही इसी दिन से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे- विवाह, मुंडन, गृह-प्रवेश, उपनयन संस्कार इत्यादि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। बता दें कि इस वर्ष देवउठनी एकादशी व्रत के तिथि को लेकर कुछ लोगों में संशय बना हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी व्रत, पूजा मुहूर्त और महत्व।

शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

रवि योग

देवउठनी एकादशी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 50 मिनट से हो रहा है, जो संध्याकाल 05 बजकर 16 मिनट तक है। ज्योतिष रवि योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

सिद्धि योग

देवउठनी एकादशी पर सिद्धि योग का योग बन रहा है। इस योग का निर्माण 11 बजकर 54 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन यानी 24 नवंबर को सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक है। ज्योतिष सिद्धि योग को उत्तम मानते हैं। इस योग में शुभ कार्य करने से सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, सिद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

देवउठनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 16 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन यानी 24 नवंबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट तक है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

देवउठनी एकादशी व्रत महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इन सब में देवउठनी एकादशी व्रत जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, का अधिक महत्व है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से व्यक्ति के समस्त पाप दूर हो जाते हैं और उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर दान कर्म करने से सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, बल और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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