Sawan Somwar 2023: आज सावन माह का दूसरा सोमवार है। सनातन हिंदू परंपरा में सावन के सोमवार का बहुत ही विशेष महत्व है। मान्यता ऐसी है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से शिव जी और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक मान्यता है की देवी पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखा था। आइए जानते हैं सावन सोमवार की पूजा विधि और विशेष संयोग के बारे में ।
बन रहे 4 विशेष संयोग
इस बार सावन के दूसरे सोमवार पर हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या का खास संयोग भी बन रहा है। इसके अलावा रुद्राभिषेक के लिए शिववास और पुनर्वसु नक्षत्र भी है। आज को सावन माह की अमावस्या तिथि है जिसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। जबकि यह सोमवार को पड़ रहा है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है।
सोमवारी की पूजा विधि
सुबह उठकर भक्तों को स्नानदृध्यान करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। स्नान ध्यान करने के बाद पास के किसी मंदिर में जाएं और भगवान शिव के साथ माता पार्वती के सामने बैठकर सोमवार की पूजा और व्रत का संकल्प लें। आप इस दिन माता पार्वती को चुनरी, मेहंदी और सोलह श्रृंगार भी अर्पित कर सकते हैं।
सोमवती अमावस्या
17 जुलाई दिन सोमवार को अमावस्या है और जब सोमवार के अमावस्या तिथि पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।