Friday, March 29, 2024
Homeधर्मआज खुलेंगे स्वर्ग के द्वार, पढ़ें शुभ मुहूर्त और कथा

आज खुलेंगे स्वर्ग के द्वार, पढ़ें शुभ मुहूर्त और कथा

हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ''बैकुंठ चतुर्दशी'' मनाए जाने का विधान है।

2022 में वैकुंठ चतुर्दशी 6 नवंबर यानी आज है। इस दिन भगवान शिव और श्री हरि का मिलन होता है शायद इसलिए इस दिन को हरिहर का मिलन भी कहा जाता है। जो लोग संसार के सुख-सुविधाएं भोग कर मरने के बाद वैकुंठ जाना चाहते हैं आज उन्हें श्री हरि और हर यानि भोलेनाथ की कमल के फूलों से पूजा करनी चाहिए। इस कथा का श्रवन जरुर करें।

नारद जी वीणा बजाते हुए नारायण-नारायण बोलते हुए बैकुंठ धाम पंहुचते हैं। भगवान श्री हरि विष्णु उनको सम्मानपूर्वक आसन देते हैं और आने का कारण पूछते हैं।

नारद जी कहते हैं, "हे प्रभु! मैं पृथ्वी लोक से आ रहा हूं। आपका नाम कृपानिधान है, इस नाम को लेने वाला भवसागर से पार पाता है लेकिन सामान्य नर-नारी कैसे भक्ति कर मुक्ति पा सकते हैं।"

श्री हरि ने कहा," कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी वैकुण्ठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी। इस दिन जो कोई नियम से व्रत और पूजन करेगा, उनके लिए स्वर्ग के द्वार सदा खुले रहेंगे। मरणोपरांत वह बैकुंठ धाम को प्राप्त करेगा।

उन्होंने अपने द्वारपाल जय-विजय को आदेश देते हुए कहा कार्तिक चतुर्दशी को स्वर्ग के द्वार खुले रहेंगे।

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 6 नवंबर रविवार की शाम 4:28 से होगा और समापन 7 नवंबर की शाम 4:15 पर होगा। शास्त्रों के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी की पूजा निशिता काल में की जाती है। चतुर्दशी तिथि में निशिता काल का मुहूर्त 6 नवंबर को रहेगा। ऐसे में बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व 6 नवंबर को मनाया जाएगा।

Vaikunth Chaturdashi Puja muhurat: बैकुंठ चतुर्दशी पूजा मुहूर्त 2022
6 नवंबर की रात 11:45 से लेकर देर रात 12:37 तक पूजा मुहूर्त रहेगा। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी रहेगा।
 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments

Join Our Whatsapp Group