Hariyali Teej: हिंदू धर्म में हर तीज-त्योहार का काफी महत्व होता है. हरियाली तीज सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हरियाली तीज या श्रावणी तीज भी कहा जाता है.
कई जगहों पर हरियाली तीज का व्रत केवल विवाहित महिलाएं ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। कहा जाता है कि यदि अविवाहित लड़कियां इस व्रत को विधि पूर्वक करती हैं तो उन्हें अच्छा और मनचाहा वर मिलता है। पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती के कहने पर शिव जी ने आशीर्वाद दिया था कि जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को रखेगी उसके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। साथ ही मनचाहा व्रत मिलेगा। यदि आप भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रख रहीं हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें ताकि आपकी भी मनोकामना पूर्ण हो सके। आइए जानते हैं कुंवारी लड़कियों के लिए हरियाली तीज व्रत के नियम…
यदि कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं तो इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। कोशिश करें कि इस दिन हरे रंग का ही वस्त्र पहनें। फिर पूजा करें। इसके बाद शिव जी और मां पार्वती का नाम लेकर व्रत का संकल्प करें। संकल्प के बाद अपना व्रत शुरू करें। यदि आप निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं तो पूरे दिन पानी का भी सेवन न करें। पूरे दिन श्रद्धा भाव से व्रत रखें और शाम के समय शिव-पार्वती की पूजा करें। पूजा के दौरान माता पार्वती को सिन्दूर चढ़ाएं और सुहाग की सामग्री अर्पित करें। वहीं शिव जी के मंत्रों का जाप करें या शिव पुराण का पाठ करें। हरियाली तीज के दिन शिव परिवार की पूजा की जाती है, इसलिए शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराएं और पूजन करें। इसके बाद संध्या काल में पूजन और आरती करें। भोग के रूप में खीर अर्पित करें।
इस दिन मनाई जाएगी हरियाली तीज
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात 08 बजकर 01 मिनट से हो रही है और इसका समापन अगले दिन 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि के अनुसार हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी.
हरियाली तीज का महत्व
सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ कुछ कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर पाने के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं. हरियाली तीज पर हरे रंग का विशेष महत्व होता है. इस दिन महिलाएं हरे रंग की साड़ी और हरी कांच की चूड़ियां पहनती हैं. सुहागन महिलाओं के लिए इस व्रत का बहुत महत्व होता है. यह पर्व आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. यह उत्सव शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. चारों तरफ हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं. इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं और लोकगीत गाते हुए खुशियां मनाती हैं