भोपाल : एक पुरानी कहावत है “कर्ज लेकर घी पीना” और यह कहावत शिवराज सरकार पर पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। तीन लाख 85 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज तेल दबी शिवराज सरकार कर्ज लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सरकार ने 29 जून, 2022 से 7 फरवरी, 2023 तक 219 दिन में 19 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इस तरह सरकार रोजाना करीब 86.75 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है। इस अवधि में सरकार ने फरवरी के शुरुआती सात दिन में 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया।
सरकार ने 1 फरवरी को 4 हजार करोड़ और 7 फरवरी को 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया। सरकार के इतने भारी-भरकम कर्ज लेने की बात हम हवा में नहीं कर रहे, बल्कि वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। सरकार भले ही दावा करे कि कर्ज की राशि विकास कार्यों में खर्च की जा रही है, लेकिन हकीकत इससे इतर है। चुनावी साल में सरकार अपने प्रचार-प्रसार के लिए रोजना प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित कर रही है, टैक्स के रूप में जनता से वसलूा गया पैसा इन आयोजनों पर पानी की तरह बहाया जा रहा है।
मजेदार बात यह है कि सरकार को कर्ज तले दबी ही है, और प्रदेश के नगर निगम भी विकास कार्यों के नाम पर कर्ज लेने में पीछे नहीं है। प्रदेश के 13 नगर निगम 320 करोड़ से ज्यादा के कर्ज तले दबे हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा कर्ज भोपाल नगर निगम पर 60 करोड़ 1 लाख 40 हजार 479 रुपए का है, जबकि छिंदवाड़ा का स्थान दूसरा है। छिंदवाड़ा नगर निगम पर 51 करोड़ 34 लाख रुपए का कर्ज है। ग्वालियर नगर निगम पर 37.59 करोड़ जबलपुर नगर निगम पर 30.40 करोड़ और इंदौर नगर निगम पर 25 करोड़ 85 लाख रुपए का कर्ज है। तीन नगर निगम-सतना, सिंगरौली और उज्जैन पर कितना कर्ज है, यह सरकार ने सदन को नहीं बताया है।
सीएम की घोषणाओं के लिए भी लोन
विधानसभा में सामने आई जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी नगर निगमों को लोन लेना पड़ रहा है। सीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हडको) से 311 करोड़ रुपए का लोन लिया गया। यह लोन मप्र शासन की गारंटी पर लिया गया है। इस योजना में भोपाल नगर निगम ने 68 करोड़ रुपए का लोन लिया है। प्रदेश के बड़े नगर निगमों की बात करें, तो सीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम में इंदौर नगर निगम ने 73 करोड़, ग्वालियर ननि ने 36.13 करोड़ और जबलपुर नगर निगम ने 19.47 करोड़ का लोन हुडको से लिया है। नगर निगमों को इस लोन का भुगतान 15 साल की अवधि में करना है।