Entertainment News:‘बैंडिट क्वीन’ से मशहूर हुए निर्मल पांडेय शायद सिनेमा के इतिहास के पहले ऐसे हीरो थे, जिन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता था। उत्तराखंड की हसीन वादियों से ताल्लुक रखने वाले निर्मल पांडेय 90 के दशक के बेमिसाल एक्टर थे। आज हम आपको एक ऐसे हीरो के बारे में बताएंगे, जिसने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतकर देश-विदेश में खूब वाहवाही लूटी थी। दर्शक उन्हें ‘बैंडिट क्वीन’ में फूलन देवी के पति विक्रम मल्लाह के रूप में याद करते हैं। वे किरदारों में ऐसे उतरते थे कि उनके आगे दिग्गज एक्टर भी फीके पड़ जाते थे, लेकिन इस स्वाभिमानी एक्टर का बड़ा दर्दनाक अंत हुआ। ‘बैंडिट क्वीन’ और ‘दायरा’ जैसी फिल्में करने के बाद भी उन्हें अच्छे रोल नहीं मिले।
47 साल की उम्र में दुनिया को छोड़ दिया
उन्होंने जितने भी किरदार निभाए, उनसे दर्शकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी। लोग उनके किरदार से नफरत करते या फिर उनके प्यार में पड़ जाते। उन्होंने अपनी एक्टिंग से विदेशी दर्शकों को भी खूब मोहित किया था, लेकिन बदकिस्मती देखिए, उन्होंने 47 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ दिया। कहते हैं कि बॉलीवुड की एक लॉबी उनके खिलाफ हो गई थी।
उत्तराखंड में हुआ था जन्म
निर्मल पांडेय का जन्म 10 अगस्त 1962 को उत्तराखंड में हुआ था। उनके माता-पिता चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करके जिंदगी में सैटल हो जाए, लेकिन निर्मल पांडेय का जन्म एक्टर बनने के लिए ही हुआ था। गली-मोहल्ले या स्कूल, जहां कहीं भी रामलीला होती, वे उसमें जरूर शामिल होते। निर्मल जब ग्रेजुएशन करने नैनीताल पहुंचे, तो कॉलेज के कला मंच से जुड़ गए, जहां उन्हें कई मशहूर नाटकों में एक्टिंग करने का अवसर मिला। वे नाटकों का निर्देशन भी करने लगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश की जद्दोजहद शुरू हुई। उन्हें सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी मिल गई। वे काम करते जरूर, लेकिन मन एक्टिंग की ओर रमा रहा। उन्होंने अपने अभिनय-कौशल को खूब निखारा और लंदन पहुंच गए, जहां एक थियेटर ग्रुप से जुड़कर हीर-रांझा सहित दर्जनों प्ले किए। वे विदेशी धरती में भी खूब लोकप्रिय हुए। निर्देशक शेखर कपूर 1992 के आसपास जब अपनी फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ के लिए कास्टिंग कर रहे थे, तब उनकी मुलाकात एनएसडी की एक शिक्षक से हुई। उन्होंने बातचीत में निर्मल पांडेय का नाम सुझाया, जिसके बाद डायरेक्टर ने मनोज बाजपेयी की जगह उन्हें विक्रम मल्लाह के किरदार के लिए कास्ट कर लिया। वे डेब्यू फिल्म से छा गए।
फ्रांस में बेस्ट एक्ट्रेस के वैलेंटी अवॉर्ड से नवाजा गया
निर्मल पांडेय फिर ‘दायरा’, ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’, ‘गॉडमदर’, ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘हम तुम पे मरते हैं’, ‘लैला’ और ‘शिकारी’ जैसी दर्जनों फिल्मों में नजर आए। अमोल पालेकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दायरा’ में निर्मल ने किन्नर का किरदार निभाकर खूब वाहवाही लूटी। उनके किरदार में इतनी सच्चाई थी कि उन्हें फ्रांस में बेस्ट एक्ट्रेस के वैलेंटी अवॉर्ड से नवाजा गया। वे शायद बॉलीवुड के ही नहीं, दुनिया के भी एकमात्र एक्टर हैं, जिन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड जीता था।