Sunday, December 22, 2024
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Health Tips: बदलते मौसम में स्वस्थ रहने के लिए पिएं ये आयुर्वेदिक काढ़ा, सर्दियों में सर्दी-जुकाम से मिलेगी राहत

Health Tips:बदलते मौसम में लोगों को सर्दी, जुकाम व बुखार (cold, flu and fever) की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है और अन्य मौसमी बीमारियां भी शरीर पर असर डालती हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक काढ़ा मौसमी बीमारियों से जल्दी छुटकारा दिलाने में हमारी सहायता करता है। काढ़ा शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। काढ़े का सेवन करने से शरीर पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है, बशर्ते सही मात्रा में ही सेवन किया जाए क्योंकि काढ़ा गर्म तासीर का होता है । इस बदलते मौसम लोगों को कई तरह की संक्रामक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

त्रिकुट चूर्ण ठंड में सर्दी-जुकाम समेत कई बीमारियों से आराम देता है। इसके फायदे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दीपावली से हल्की सर्दियों का मौसम चालू हो जाता है। मौसम तेजी से बदलने के कारण लोग ज्यादा बीमार पड़ते है। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। उन्हें बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए ठंड के मौसम में हमेशा शरीर को गर्म रखना चाहिए नहीं तो सर्दी-जुकाम तेजी से उनको अपनी चपेट में ले लेता है। काढ़ा एक आयुर्वेदिक घरेलू उपाय है, जो कई जड़ी-बूटियों और मसालों से बनाया जाता है। यह मिश्रण इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और संक्रमण से लड़ने का सबसे सस्ता घरेलू उपाय है। तो आइए जानते हैं काढ़ा बनाने की विधि और इसके फायदे।

त्रिकुट चूर्ण के फायदे

इसके सेवन से पेट की गैस, अपच और आव की दिक्कत दूर हो जाती है। खांसी और कफ में यह आपको आराम देता है। दमा के मरीजों के लिए ये किसी रामबाण के जैसे काम करता है। इसके साथ यह बवासीर के मरीजों पर भी कारगर साबित होता है। यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। इसके साथ यह आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ाता है। इससे आपको मौसमी संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। काढ़ा इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और संक्रमण से लड़ने में सहायक है। यह सर्दी, खांसी और गले की खराश को ठीक करता है।

ऐसे बनाएं त्रिकुट चूर्ण

यह चूर्ण खरीदने के लिए आपको बाजार में जाने की जरूरत नहीं है। इसे आप घर पर भी आराम से बना सकते हैं। इसे बनाने के लिए सौंठ, पीपल और काली मिर्च की जरूरत पड़ेगी। इन तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका चूरन बना लें। आप पीपल और काली मिर्च की मात्रा को थोड़ा कम भी रख सकते हैं। इस चूर्ण का सेवन शहद और पानी के साथ करें।

गिलोय का काढ़ा

किसी भी तरह के बुखार में कारगर होता है गिलोय का काढ़ा। गिलोय के करीब एक फुट लंबे तने को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर इसमें नीम की पत्तियों के 5.7 डंठल, 8-10 तुलसी की पत्तियां और करीब 20 ग्राम काला गुड़ के साथ एक गिलास पानी में खौलाकर कर सेवन करें।

यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है।

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