Disposable Cup: डिस्पोजेबल कप में सूक्ष्म प्लास्टिक कण आयन, विषाक्त भारी धातुओं – पैलेडियम, क्रोमियम, कैडमियम और अन्य जैविक तत्वों के वाहक के रूप में कार्य करते हैं। अगर इन कणों की बात करें तो ये मानव शरीर में प्रवेश करने पर पानी में घुलनशील नहीं होते हैं, इसमें जो केमिकल इस्तेमाल होता है, उससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालकर आपको बीमार कर सकते हैं।
पानी, चाय, कॉफी या कोई भी ड्रिंक्स पीने में डिस्पोजेबल कप का ही इस्तेमाल हो रहा है। ऑफिस से लेकर बड़े रेस्टोरेंट तक इन्हीं कप का उपयोग हो रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिस्पोजेबल कप सेहत के कितना हानिकारक हो सकता है। डिस्पोजेबल कप में चाय का उपयोग आपके स्वास्थ्य को खराब करता है। कप की आंतरिक परत में उपयोग की जाने वाली सामग्री में सूक्ष्म प्लास्टिक और अन्य खतरनाक घटकों की उपस्थिति होती है और जब उनमें गर्म तरल पदार्थ परोसा जाता है तो दूषित कण मिश्रित हो जाते हैं। इन कपों को बनाने के लिए आमतौर पर हाइड्रोफोबिक फिल्म की एक परत चढ़ाई जाती है, जो मुख्य रूप से प्लास्टिक की बनी होती है। इससे पेपर कप में तरल पदार्थ बना रहता है और गर्म पानी डालने पर 15 मिनट के अंदर ही हाइड्रोफोबिक परत पिघलने लगती है। चलिए जानते हैं इससे होने वाले नुकसान और डॉक्टर की सलाह।
कैंसर
डॉक्टरों का कहना है कि डिस्पोजेबल कप प्लास्टिक और केमिकल का इस्तेमाल कर बनाया जाता है। अगर लंबे समय तक इसका यूज कर रहे हैं तो ये कैंसर का कारण बन सकता है। डॉक्टरों ने बताया, डिस्पोजेबल कप में बिसफेनोल और बीपीए जैसे केमिकल पाए जाते हैं. जो काफी खतरनाक केमिकल हैं। जब इन कप में चाय या गर्म पानी पीते हैं तो इसमें मौजूद केमिकल इनमें घुल जाते हैं और ये केमिकल पेट तक पहुंच जाते हैं, जिससे कैंसर का जन्म हो सकता है।
थायराइड
डॉक्टर के मुताबिक, डिस्पोजेबल कप बनाने में केमिकल ही नहीं माइक्रोप्लास्टिक का इस्तेमाल भी होता है। जिससे थायराइड जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती हैं। काफी लंबे समय तक इनके इस्तेमाल से कैंसर भी हो सकता है। शराब या स्मोकिंग करने वालों में डिस्पोजेबल कप के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा काफी जल्दी हो सकता है। इसलिए डिस्बोजेबल कप के इस्तेमाल से हमेशा बचने की कोशिश करनी चाहिए।
स्वास्थ्य पर बुरा असर
स्टडी के मुताबिक में पाया गया कि एक कप में 100 मिली गर्म तरल पदार्थ 15 मिनट के लिए रखने से उसमें 25, 000 माइक्रोन साइज के प्लास्टिक के सूक्ष्म कण फिघलकर घुलने लगते हैं। हर दिन तीन कप यदि चाय या कॉफी व्यक्ति पीए तो उसके शरीर में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण चले जाते हैं जिसकी संख्या 75, 000 सूक्ष्म कण हो सकते हैं जो कि नंगी आंखों से दिखते नहीं। लेकिन सका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।
स्टील का बर्तन या कुल्हड़ का इस्तेमाल करें
डॉक्टर बताते हैं कि चाय, कॉफी या पानी पीने के लिए प्लास्टिक या पेपर के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह स्टील का बर्तन या कुल्हड़ का इस्तेमाल करना चाहिए। कुल्हड में चाय पीने के कई फायदे भी होते हैं। इससे पेपर और प्लास्टिक का इस्तेमाल भी कम होता है। मिट्टी के कुल्हड़ में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए डिस्पोजेबल कप की बजाय कुल्हड़ या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं।