Sunday, September 8, 2024
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कुर्सी का चुनाव करते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगी पीठ, गर्दन और कूल्हे में दर्द

Chair Buying Tips: घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं तो कमर में दर्द होना लाज़मी है। ये दर्द रीढ़ की हड्डी और पीठ के निचले हिस्से में रहता है तो आपको स्पॉन्डिलाइटिस की परेशानी हो सकती है। जैसे-जैसे ये परेशानी बढ़ती है तो ये दर्द कमर के ऊपरी हिस्से तक बढ़ने लगता है। इस दर्द की वजह से गर्दन में अकड़न पैदा होती है। अगर इसका उपचार नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे ये परेशानी और भी ज्यादा जटिल होने लगती है। लगातार ऑफिस में बैठकर काम करना शरीर के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता है। इससे गर्दन, पीठ, कमर और हिप्स में दर्द की शिकायत हो सकती है, लेकिन इसके लिए सिर्फ गलत पोश्चर में बैठने को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, बल्कि इसमें कुर्सी का भी बहुत बड़ा रोल होता है। जी हां, आजकल मार्केट में कई तरह की कुर्सियां अवेलेबल हैं। जो देखने में तो काफी अच्छी लगती हैं और आपके घर व ऑफिस के लुक को इन्हैंस भी करती हैं, लेकिन कई बार ये आपके बैक और हिप्स को सही तरीके से सपोर्ट नहीं करती, जिस वजह से शरीर के कई हिस्सों में दर्द बना रहता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कुर्सी चुनते वक्त कुछ बातों का ध्यान में रखना।

इन बातों का ध्यान रखें

कुर्सी की हाइट पर

कुर्सी पर बैठने के बाद आपके पैर हवा में झूलते नहीं रहना चाहिए। इसके लिए चेक करें कि कुर्सी में हाइट को एडजस्ट करने का ऑप्शन है या नहीं। ये एक जरूरी चीज़ होती है जिसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इससे पैरों में दर्द हो सकता है।

कुर्सी की चौड़ाई

कुर्सी की सीट इतनी चौड़ी होनी चाहिए कि उसमें आपके हिप्स अच्छी तरह से फिट हो जाए। साथ ही सीट एकदम फ्लैट न होकर थोड़ी कर्वी हो, जिससे हिप का शेप सही बना रहता है। डेस्क जॉब करने वालों के लिए तो इस पर गौर करना बहुत जरूरी है वरना पूरे दिन एडजस्ट ही करते रह जाएंगे और अंत में दर्द से भरा शरीर लेकर घर जाएंगे। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दें कि आपकी थाइज़ और आर्मरेस्ट के बीच बहुत ज्‍यादा गैप नहीं होना चाहिए।

कुर्सी की गैप पर गौर करें

बैक और हिप्स के बीच गैप वाली चेयर देखने में अच्छी लग सकती है, लेकिन ये आपकी स्पाइन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होती, तो हमेशा ऐसी कुर्सी खरीदें जिसमें स्पाइन और कुर्सी के पिछले हिस्‍से के बीच गैप न हो। इससे लोअर बॉडी को फुल सपोर्ट मिलता है।

कुर्सी की सीट की बनावट पर

कुर्सी की सीट न बहुत ज्यादा सॉफ्ट हो और न ही ज्यादा हार्ड। बैठकर चेक कर लें कि ये दो से ज्यादा इंच नीचे तो नहीं दब रही, अगर दब रही है, तो उसे न चुनें क्योंकि ये हिप्स में दर्द की वजह बन सकती है।

कुर्सी में मजबूती पर

कुर्सी चुनते समय एक और जिस बात का ध्यान रखना है वो है कि इसमें कोहनी या फोरऑर्म को टिकाने के लिए प्रॉपर जगह है या नहीं। कुर्सी में मजबूत आर्मरेस्ट का होना जरूरी है। इससे अपर बॉडी में होने वाले दर्द व तकलीफ को दूर रखा जा सकता है।

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